गोरखपुर (ब्यूरो).एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ। अभिषेक यादव ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शासन से मान्यता मिलने की जानकारी देकर नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं का प्रवेश ले लिया। कंप्लेन पर शासन के अनु सचिव ने जांच की तो पता चला कि शासन के जिस आदेश का हवाला देकर डॉ। अभिषेक व उनके सहयोगियों ने प्रवेश लिया है, वह फर्जी है। अनु सचिव ने कोतवाली थाने में राज नर्सिंग कॉलेज के संचालक पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का केस दर्ज कराया था। जालसाजी की जानकारी होने पर ठगी के शिकार छात्रों के परिजन ने भी तहरीर दी थी। कॉलेज पर ताला लगाने के साथ ही अधिकारियों ने आरोपितों के खिलाफ पिपराइच थाने में भी केस दर्ज कराया।

मिलकर चला रहे थे गिरोह

छानबीन करने पर पता चला कि कोतवाली के दुर्गाबाड़ी निवासी डॉ। अभिषेक यादव, पत्नी डॉ। मनीषा यादव, शाहपुर के बशारतपुर में रहने वाली बहन डॉ। पूनम यादव साथी शक्तिनगर निवासी डॉ। सी प्रसाद उर्फ चौथी, बस्ती जिले के लालगंज, खोरिया निवासी शोभितानंद यादव, गुलरिहा थाना क्षेत्र के करमहा निवासी श्यामनारायण मौर्य व मोगलहा निवासी विशाल त्रिपाठी के साथ मिलकर गिरोह चला रहे हैं। शुक्रवार की रात प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अजय कुमार मौर्य ने आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज कराने के साथ ही डॉ। मनीषा यादव, डॉ। पूनम यादव, श्यामनारायण मौर्य व शोभितानंद को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपित डॉ। अभिषेक यादव लखनऊ कारागार में पहले से निरुद्ध है। अन्य आरोपितों की तलाश चल रही है।

आरोपितों पर दर्ज हैं 14-14 मुकदमे

पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ कोतवाली थाने में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और धमकी देने के 14-14 मुकदमे दर्ज हैं। सभी मुकदमे वर्ष 2015 में दर्ज हुए थे, जिसमें पुलिस ने एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगा दी थी। डॉ। अभिषेक यादव के खिलाफ कोतवाली व पिपराइच थाने के अलावा लखनऊ में मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी मुकदमों की छानबीन शुरू हुई, तो पुलिस ने वर्ष 2015 में दर्ज मुकदमों की फाइल भी खोल दी। जांच में आरोप की पुष्टि होने पर कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट भेजने के साथ ही गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज करा दिया।

जिले का पहला गैंगस्टर डाक्टर परिवार

डॉ। अभिषेक यादव, पत्नी डॉ। मनीषा और बहन डॉ। पूनम यादव पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए आरोपितों की संपत्ति का विवरण भी जुटाना शुरू कर दिया है। एसपी सिटी ने बताया कि अपराध से अर्जित संपत्ति पुलिस जब्त कराएगी।