गेंदा हो या गुलाब, सबकी आई बहार

फूलों के मौसम के करीब आते ही लोगों में इसका क्रेज छा गया है। सिटी में गुलाब की आधा दर्जन प्रजातियों के साथ गेंदा, डहलिया, फेयरीफ्रेम, सूर्यमुखी सहित एक दर्जन से अधिक प्रजातियों के पौधे मार्केट में अवेलबल हैं। इन फूलों को खरीदने के लिए कस्टमर्स जुट रहे हैं। 10 रुपए से फूलों की कीमत शुरू हो रही है। डहलिया, पेंजी, पलास, वार्वेना, पिटूनिया, मेजम ब्राइथिमम, साइनेरिया, प्लार्क सहित कई वैराइटी के पौधे लोगों की डिमांड में है।

फूलों के लिए खास बने हैं गमले

फूलों को लगाने के लिए अलग-अलग तरह के गमले भी बेचे जा रहे हैं। इसमें मिट्टी के बने गमलों के साथ टेराकोटा के गमले भी शामिल हैं। गमलों में सीमेंट के गमले भी लोगों को रास आ रहे हैं। इस बार गमलों की खासियत यह है कि उन पर स्टाइलिश डिजाइन बनी हुई है। इनकी कीमत 25 रुपए से शुरू हो रही है। गमलों की साइज, इसकी बनावट और क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग रेट तय किया गया है।

इन जगहों पर उपलब्ध हैं फूलों के पौधे

फूलों के पौधों को खरीदने के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। सीजन को देखकर कॉलोनियों में ठेले पर लादकर शॉपकीपर्स पौधे बेच रहे हैं। इसके अलावा बैंक रोड, पैडलेगंज, राजकीय उद्यान सहित आधा दर्जन जगहों पर फूलों के पौधे बेचे जा रहे हैं। शॉपकीपर्स का कहना है कि वाराणसी, कोलकाता सहित कई जगहों से फूलों के पौधे मंगाए जाते हैं। फूलों के पौधों को लगाने में सावधानी बरतने की जरूरत है। पौधों को खुले आसमान में लगाने, गमले में पौधे लगाने के दौरान गोबर की खाद मिलाने इत्यादि की सलाह कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं। खास प्रजाति के फूलों के पौधों को लगाने से पहले उससे संबंधित निर्देशों को जानना जरूरी है।

जाड़े के मौसम में फूलों के पौधों की डिफरेंट वैराइटी मार्केट में आ जाती है। मामूली सी सावधानी बरत कर गार्डेन को खुशनुमा बनाया जा सकता है।

मधुसूदन सिंह, प्रभारी अधीक्षक, राजकीय उद्यान