GORAKHPUR: लॉकडाउन में सभी कुछ बंद है, ऐसे में ढेरों लोगों के जरूरी काम पेंडिंग चल रहे हैं। सोमवार से लॉकडाउन में छूट मिली, तो सरकारी दफ्तरों में चहल-पहल शुरू हो गई। हालांकि अभी आम आदमी की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी है। जबकि दफ्तरों में सिर्फ 33 फीसदी इंप्लाई ही प्रेजेंट होने है। ऐसे में जिम्मेदार अब लोगों की मुश्किलें आसान बनाने में जुट गए है। इसकी शुरूआत की है गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी यानि कि जीडीए ने, जिसने लोगों से अप्लीकेशन रिसीव करने का तरीका तो मैनुअल रखा है, लेकिन रिसीव की जानकारी देने के लिए डिजिटल राह अपनाया है। एक-दो दिन में यह प्रॉसेस शुरू हो जाएगी।

बॉक्स लगाकर लेंगे अप्लीकेशन

जीडीए ने जो नई प्लानिंग की है, इसके तहत लोगों की जीडीए में एंट्री बैन होने के बाद अब वह जीडीए के बाहर ही अप्लीकेशन की हार्ड कॉपी डाल सकेंगे। इसके लिए ऑफिस के बाहर बॉक्स लगाए जाएंगे, जिसकी न सिर्फ रेग्यूलर मॉनिटरिंग होगी, बल्कि भेजने वालों को एसएमएस के जरिए इसकी डिजिटल रिसिप्ट भी मिलेगी। अब तक ऐसी अप्लीकेशन का कोई रिकॉर्ड नहीं बन पाता है लेकिन इस व्यवस्था से रोजाना शाम में एक बार बॉक्स से सभी चिट्ठियों का डाटा निकालकर भेजने वाले को उसके मोबाइल नंबर पर यह मैसेज भेजा जाएगा कि उनका अप्लीकेशन रिसीव हो गया है।

मिलेगी काफी राहत

इन बॉक्स के जरिए जीडीए में अपनी अप्लीकेशन डालने वालों को काफी सुविधा होगा। अप्लीकेशन रिसीव होते ही उनके पास एसएमएस आ जाएगा। इससे वह इस बात को एसएमएस देखकर आसानी से बता सकेंगे कि उन्होंने किस दिन अप्लीकेशन दी थी और कब जीडीए में रिसीव हुई है। वहीं जिम्मेदारों को भी इस बात का ध्यान रहेगा और वह भी ऐसी अप्लीकेशन को झटपट जांच कर आगे की कार्रवाई पूरी कर सकेंगे। इसके अलावा इस बॉक्स में गोरखपुराइट्स बहुत अर्जेट कंप्लेनंस नक्शे की हार्ड कॉपी भी डाल सकेंगे। जिसका प्रॉपर निस्तारण कराया जाएगा।

जीडीए के बाहर बॉक्स लगाया जा रहा है। इसमें कोई भी जरूरी कागजात, अप्लीकेशन या अर्जेट कंप्लेन डाला जा सकेगा। उसे इसकी रिसीविंग एसएमएस के जरिए भेज दी जाएगी। एक-दो दिन में बॉक्स लग जाएगा।

- अनुज सिंह, वीसी, जीडीए0