-पौने दो लाख पाठकों के पास शुरू गणेश पुराण के पहुंचाने का कार्य

-वार्षिक विशेषांक

-सोमवार से शुरू हुई डिस्पैच की प्रक्रिया

GORAKHPUR: गीता प्रेस की मासिक पत्रिका कल्याण के विशेषांक को डिस्पैच करने का काम सोमवार से शुरू हो गया। पहले दिन आठ हजार प्रतियां डाक विभाग द्वारा डिस्पैच की गई। इस बार विशेषांक गणेश पुराण पर आधारित है। 15 फरवरी तक सभी पौने दो लाख पाठकों तक कल्याण का विशेषांक पहुंच जाए, इस लक्ष्य के साथ गीता प्रेस प्रबंधन कार्य कर रहा है। पहले दिन आजीवन पाठकों, पंचवर्षीय पाठकों या जिनके पैसे पहले से ही गीता प्रेस के पास जमा हैं, उनके लिए डिस्पैच शुरू हुआ। पिन कोड के अल्फाबेटिकल क्रम के अनुसार पाठकों को कल्याण का डिस्पैच किया जाता है। पहले दिन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और यूपी के पाठकों के लिए कल्याण प्रेषित किया गया। इसके बाद वीपीपी से डिस्पैच किया जाएगा।

42 विदेशी ग्राहक भी हैं आजीवन मेंबर

कल्याण पत्रिका के 4900 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। इनमें 42 विदेशी ग्राहक भी शामिल हैं। दशकों पहले गीता प्रेस प्रबंधन द्वारा आजीवन सदस्यता शुल्क 100 रुपए रखा गया था। उस समय जो आजीवन सदस्य बने हैं, उन्हें भी यह पत्रिका मुफ्त दी जाती है। बाद में गीता प्रेस प्रबंधन ने आजीवन सदस्यता योजना बंद कर दी। गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक डॉ। लालमणि तिवारी ने बताया कि पिछले वर्ष कल्याण 508 पृष्ठों का था और इस बार 652 पृष्ठ का है, लेकिन मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। मूल्य ढाई सौ रुपए ही रखा गया है। साल भर कल्याण के वार्षिक सदस्य बनते रहते हैं।