- आरटीओ में स्लॉट बुक होने के बाद नहीं आ रहे अप्लीकेंट
- डेली 225 से 230 लोगों को होता हैं स्लॉट बुक
- फोटो और टेस्ट देने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं 40-50 लोग
GORAKHPUR: लर्निग लाइसेंस बनवाने के लिए स्लॉट पाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद उन्हें डेट मिल रही है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें डेट तो मिल रही है, लेकिन वह तय समय पर अपनी फोटो करवाने और टेस्ट देने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कौन ऐसे लोग हैं, जिन्हें स्लॉट मिलने के बाद भी वह बुकिंग कराने के लिए नहीं जा रहे हैं। आरटीओ से जुड़े सोर्सेज की मानें तो मीडिएटर्स हमेशा ही ऐसे खेल में लगे रहे हैं। वह अननोन नाम से स्लॉट बुक कराकर बाद में उसे कस्टमर मिलने पर उसके नाम से करेक्ट करा देते हैं और पास आने वाले लोगों को तत्काल स्लॉट दिलवा दे रहे हैं।
हर दिन गायब हो रहे हैं 40-50 अप्लीकेंट
ऑनलाक के बाद एक जुलाई 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक करीब 22584 अप्लीकेंट ने लाइसेंस बनवाने के लिए स्लॉट बुक कराई। जो आरटीओ में टेस्ट के लिए पहुंचे। इसमें करीब 20 हजार अप्लीकेंट ही पास हुए, जबकि 1905 फेल हो गए। इतना ही नहीं औसतन हर दिन के हिसाब से 40 से 50 अप्लीकेंट लापता रहे। परमनेंट डीएल की बात की जाए, तो एक जुलाई से 31 दिसंबर 2020 तक मेल और फीमेल के कुल 16308 डीएल बनाए गए। एक से 13 जनवरी 2021 तक 1900 के डीएल बनाए गए हैं।
टेक्नालॉजी से लैस होगा आरटीओ
सिविल लाइंस स्थित आरटीओ कार्यालय में प्रति माह ढाई हजार से तीन हजार लर्निग और परमानेंट डीएल बनते थे। अब चरगांवा में बना ट्रेनिंग स्कूल नई टेक्नालॉजी से लैस होने जा रहा हैं। ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक शुरू होने के बाद दलालों का जुगाड़ भी काम नहीं आएगा। आरटीओ के मुताबिक जल्द ही नव निर्मित भवन में टेस्टिंग मशीन लगा दी जाएगी।
अनलॉक के बाद बने लर्निग
माह अप्लीकेंट टेस्ट में फेल टेस्ट में पास
जुलाई 1155 100 1055
अगस्त 664 49 599
सितंबर 2755 173 2582
अक्टूबर 3437 247 3190
नवंबर 5668 499 5169
दिसंबर 5830 615 5830
जनवरी 2476 222 2254
स्लॉट बुक होने के बाद हर दिन नहीं आते अप्लीकेंट--40-50
एक जुलाई से 31 दिसंबर 2020 तक बने डीएल
मेल - 14870
फीमेल - 1438
एक जनवरी से 13 जनवरी तक
मेल - 1788
फीमेल - 117
चरगांवा में ट्रेनिंग स्कूल बनकर तैयार हो चुका है। लर्निग और परमानेंट डीएल बनवाने के लिए टेक्नालॉजी से लैस किया जा रहा है। मशीन लगना बाकी है। जल्द ही ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग टैक शुरू कर दिया जाएगा।
श्याम लाल, एआरटीओ