- टॉप बदमाशों की लिस्ट अपडेट करने के जारी हुए निर्देश

- गोरखपुर में माफिया गैंग के चार सौ सदस्य किए गए हैं रजिस्टर्ड

गोरखपुर जोन में जिलों के टॉप-10 और थाना स्तर के टॉप 10-20 और फाइव बदमाशों की लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत एडीजी तक पहुंची है। पिछले कई साल से क्राइम से दूर रह रहे बदमाशों को भी इस लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। जबकि, हाल के दिनों में सक्रिय रहकर पुलिस के लिए चुनौती बने शातिर लिस्ट में दरकिनार हो गए हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद एडीजी ने जोन के सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को टॉप बदमाशों की लिस्ट अपडेट करने का निर्देश दिया है। डीआईजी लेवल से इसकी समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी। नए सिरे से होने वाली प्रोसेस में ऐसे लोगों का नाम बाहर कर दिया जाएगा, जो लंबे समय से किसी तरह के क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल नहीं पाए गए हैं। जारी निर्देश में एडीजी ने कहा है कि काननू-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पब्लिक की सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल इस दौरान हुई कार्रवाई में गोरखपुर जिले में गैंग लीडर सहित चार सौ माफिया सदस्य चिह्नित किए गए हैं। जिनके खिलाफ पुलिस ने हल्लाबोल छेड़ा है। प्रापर्टी जब्ती से बैंक एकाउंट तक पर रोक लगाने की प्रक्रिया जारी है।

माफिया पर हो कार्रवाई

बिकरू कांड के बाद माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। विनोद उपाध्याय, राकेश यादव सहित कई माफियाओं को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेज दिया है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि माफिया शब्द का यूज उनके लिए करते हैं जो दबंग किस्म के होते हैं जिनके संरक्षण में अपराध फलता-फूलता है। ऐसे लोग एक संगठित गैंग बनाकर पब्लिक में भय फैलाकर रुपए कमाते हैं। यह भी कह सकते हैं कि सामान्य तौर पर माफिया ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जिसका दबदबा हो जिसने अनैतिक रूप से धन कमाया हो जिसके संरक्षण में अपराध फलता-फूलता हो।

माफिया संख्या

आपराधिक माफिया 142

भू माफिया 16

खनन माफिया 01

ठेकेदार माफिया 21

अन्य माफिया 220

परिवहन माफिया 00

कुल 400

वर्तमान स्थिति

कुल गैंग रजिस्टर्ड - 90

जेल में बंद - 146

जमानत पर बाहर- 243

मौत - 07

फरार - 04

गोरखपुर के टॉप 10 में इनका नाम शामिल

राघवेंद्र यादव (हिस्ट्रीशीट नंबर 161ए): गैंगेस्टर, मर्डर समेत पांच मुकदमे दर्ज हैं। एक ही फैमिली के चार लोगों के मर्डर में वांटेड है। एक लाख रुपए का इनाम घोषित हुआ है।

शैलेंद्र प्रताप सिंह (हिस्ट्रीशीट नंबर 37 ए): मर्डर, गैंगेस्टर, गुंडा सहित 9 मुकदमे दर्ज हैं।

राकेश यादव (हिस्ट्रीशीटर नंबर 33ए): मर्डर, हत्या की कोशिश, लूट, धमकी, एनएसए सहित 30 मुकदमे दर्ज हैं।

राधे उर्फ राधेश्याम यादव (हिस्ट्रीशीट नंबर 115 ए): लूट, गैंगेस्टर, हत्या, गुंडा, एनडीपीएस के कुल 35 मुकदमे हैं।

सत्यव्रत राय (हिस्ट्रीशीट नंबर 53ए): मर्डर, गैंगेस्टर, गुंडा सहित 16 मुकदमे

सुभाष शर्मा (हिस्ट्रीशीट नंबर 100 ए): मर्डर, लूट, डकैती, आ‌र्म्स एक्ट सहित 22 मुकदमे

अजीत शाही (हिस्ट्रीशीट नंबर 54ए): मर्डर, लूट, आपराधिक साजिश, गैंगेस्टर, गुंडा एक्ट सहित 33 मुकदमे

प्रदीप सिंह (हिस्ट्रीशीट नंबर 9ए) : मर्डर, लूट, डकैती, धमकी, जमीन कब्जा की कोशिश सहित 53 मुकदमे

इसे भी किया शामिल

चंदन सिंह डी नाइन गैंग का सरगना: मर्डर, लूट, मर्डर की कोशिश, रंगदारी सहित दो दर्जन से अधिक मुकदमे, कुल 27 सदस्य रजिस्टर्ड हैं।

कोट

सिर्फ कार्रवाई का कोरम पूरा करने से अपराध पर लगाम नहीं लग सकेगा। इसलिए ऐसे बदमाशों को दोबारा चिह्नित किया जाएगा, जो काफी दिनों से सक्रिय हैं। लेकिन किन्हीं कारणों से उनका नाम टॉप-10 की लिस्ट में छूट गया है। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है।

दावा शेरपा, एडीजी जोन