- ओडीएफ को लेकर कुछ और ही है नगर निगम के दावों की हकीकत

- अब भी 4200 आवेदन पेंडिंग, चयनित लोगों को भी नहीं मिला पूरा पैसा

GORAKHPUR: ओडीएफ को लेकर नगर निगम के दावों में नई लापरवाही उजागर हुई है। निगम के जिम्मेदार जहां शहर के ओडीएफ होने का दावा करने में लगे हैं, वहीं ओडीएफ से जुड़े 4200 आवेदन फॉर्म अब भी नगर निगम में पेंडिंग ही पड़े हैं। जबकि रिकॉर्ड में दर्ज आवेदकों को भी अब तक पूरा भुगतान ही नहीं किया गया है।

बाकियों को भी पूरा पैसा नहीं

बता दें, ओडीएफ योजना को लेकर नगर निगम में 7053 से अधिक शौचालय निर्माण के आवेदन आए थे। इनमें से 5577 का रिकॉर्ड तो नगर निगम के जिम्मेदारों ने रखा लेकिन बचे 4200 आवेदन पेंडिंग ही रह गए। वहीं, 5336 लोगों की पहली किश्त ही जारी हो सकी। प्रमुख सचिव की मीटिंग में जब यह मामला उठा तो उन्होंने जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए सूची में लोगों का नाम जोड़ने के आदेश दिए। नगर आयुक्त के निर्देश पर बचे लोगों का तत्काल भुगतान करने को भी कहा गया। लेकिन 103 लोगों का भुगतान अब भी नहीं हो सका है। वहीं 4200 लोगों का आवेदन पेंडिंग में रखा गया है। इसके अलावा अभी भी 890 शौचालय निर्माणाधीन हैं।

निगम कर्मी पर लगा था वसूली का आरोप

बता दें, पिछले दिनों बसंतपुर की पब्लिक ने नगर निगम के एक कर्मचारी पर धनउगाही का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि शौचालय बनाने के लिए निगम की ओर से आठ हजार रुपए दिए जा रहे हैं लेकिन निगम कर्मी भुगतान के लिए 500 रुपए घूस मांग रहा है।

शौचालय के लिए मिला धन - 10782 लाख रुपए

कुल आवेदक आए - 7053

निगम के रिकॉर्ड में हैं - 5577

निर्माणाधीन शौचालय - 890

पेंडिंग आवेदन - 4200

पहली किश्त जारी - 5336

अलग से सूची तैयार - 720

आवेदक को नहीं मिला पैसा -103

वर्जन

ज्यादातर आवेदकों का भुगतान किया जा चुका है। जो बचे हैं उनका भी जल्द ही भुगतान हो जाएगा। पेंडिंग बचे फार्मा पर जल्द ही विचार किया जाएगा।

- प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त