- 30 सैंपल की रिपोर्ट आई, 40 की आनी है शेष

- 27 में डेल्टा, 2 में डेल्टा प्लस और एक में मिला कप्पा वैरिएंट

<- फ्0 सैंपल की रिपोर्ट आई, ब्0 की आनी है शेष

- ख्7 में डेल्टा, ख् में डेल्टा प्लस और एक में मिला कप्पा वैरिएंट

GORAKHPUR:

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कोरोना वायरस के सबसे खतरनाक वैरिएंट डेल्टा प्लस की बल्क एंट्री के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया है। फ्0 एडल्ट पेशेंट के सैंपल्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्पेशलिस्ट का कहना है कि नए वैरिएंट के संक्रमण पर वैक्सीन भी बेअसर हो सकती है। इससे बचाव के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है। जांच रिपोर्ट आने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोई नई तैयारी शुरू नहीं की है। सीएमओ ने कहा, शासन की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, उनका दावा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के सारे इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।

क्या है कप्पा और डेल्टा प्लस वैरिएंट

एक्सप‌र्ट्स की मानें तो कोरोना का कप्पा वैरिएंट इसके बी.क्.म्क्7 वंश के म्यूटेशन से ही पैदा हुआ है, जो डेल्टा वैरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। बी.क्.म्क्7 के क्ख् से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं, जिनमें से दो खास हैं- ईब्8ब्क्यू और एलब्भ्ख्आर। इसलिए इस वैरिएंट को डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है। जैसे-जैसे यह विकसित होता गया बी.क्.म्क्7 की नई वंशावली तैयार होती चली गई। बी.क्.म्क्7.ख् को डेल्टा वैरिएंट के नाम से जाना जा रहा है, जो कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अन्य जीनोम बी.क्.म्क्7.क् को कप्पा कहा जाता है, जिसे इस साल अप्रैल में व‌र्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन ने वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट घोषित किया था। लेकिन कप्पा का ही एक उप-वंश, बी.क्.म्क्7.फ् भी है, जिसे अलग से नामांकित नहीं किया गया है, पर इसे भी ट्रैक किया जा रहा है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रमुख सिम्पटंस

। खांसी, बुखार, जुकाम

। त्वचा पर चकत्ते पड़ना

। गले में खराश

। टेस्ट और स्मेल ना आना

। दस्त लगना

। पैर की अंगुलियों का रंग बदलना

। सीने में दर्द, सिरदर्द

। सांस लेने में परेशानी

तो इसलिए खतरनाक है डेल्टा प्लस वैरिएंट?

हेल्थ मिनिस्ट्री और डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न भी घोषित किया है। किसी भी म्यूटेशन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न तब कहा जाता है जब उसमें ये बातें सामने आएं।

- वायरस की संक्रमण क्षमता ज्यादा हो और वो एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल जाए।

- अगर म्यूटेशन वायरस की एंटीबॉडी की क्षमता को कम कर दे।

- यह म्यूटेशन उपचार और वैक्सीन के असर को कम करने में भी सक्षम हो।

- जांच के बाद भी आसानी से पहचान में नहीं आएं।

ऐसे करें कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचाव

- घर से बाहर निकलते समय डबल मास्क पहनें। अतिआवश्यक काम होने पर घर से बाहर जाएं।

- हाथों को बार-बार अच्छी तरह साबुन से धोएं और किसी भी चीज को छूने से पहले जरूर सेनेटाइज करें।

- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम छह फीट की दूरी बना कर रखें।

- घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ-सुधरा रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें।

- बाहर से आने वाले सभी सामान को पहले डिसइंफेक्ट करें और फिर घर में लाएं।

हेल्दी हो डाइट तो नहीं कर पाएगा असर

डॉक्टर्स का कहना है कि किसी तरह के वायरल ओर बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। खाने में अंडा, ताजा फल, ताजी सब्जी, मशरूम, नारियल तेल, पुदीना, पालक, ब्रोकली, नट्स, नारियल पानी, साबुत अनाज खाने चाहिए।

अभी गाइडलाइन का इंतजार

शहर में नए वैरिएंट के जो भी मामले सामने आए हैं। वह पुराने सैंपल से पाए गए हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट से जुड़े लोगों का कहना है कि इस संबंध में लखनऊ से आदेश आने के बाद ही आगे जांच और सैंपलिंग का दायरा बढ़ाया जाएगा। हाल-फिलहाल जो रिपोर्ट मिली है उसके आधार पर शासन की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।

वर्जन

जांच के लिए जो सैंपल भेजे गए थे। उनमें सभी वयस्क हैं। कुल 70 सैंपल में फ्0 की रिपोर्ट आई है। ब्0 की रिपोर्ट का इंतजार है। इस संबंध में जो भी आदेश आएंगे। उनका पालन किया जाएगा। फिलहाल कोई नई तैयारी नहीं चल रही है।

डॉ। अमरेश सिंह, एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

अभी ऑफिसियली कोई सूचना नहीं मिली है। जांच के लिए पुराने सैंपल भेजे गए थे। उनमें डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। नए वैरिएंट के संबंध में जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे। उनके अनुसार काम किया जाएगा। इधर कोरोना के केस भी घटे हैं। हालांकि, तीसरी लहर को तैयारी पूरी कर ली गई है।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ, गोरखपुर