-भवन की दीवार, छत के टूटे प्लास्टर दे रहे हादसे को दावत

-लगभग 45 लाख की लागत से बनाया गया था दस बेड वाला वार्ड

-मरम्मत के अभाव में पूरी बिल्डिंग हुई जर्जर

GORAKHPUR: एक तरफ जहां अस्पतालों में नये-नये भवन बनाए जा रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल में लगभग सात साल पहले 45 लाख की लागत से बना प्लास्टिक सर्जरी वार्ड अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रहा है। बनने के बाद से ही ठीक ढंग से प्रयोग में न लाए जाने के कारण यह वार्ड पूरी तरह से जर्जर हो गया है। दीवार व छत से लेकर फर्श तक टूट चुकी है। इस वार्ड को पूछने वाला को‌ई्र नहीं है। वर्तमान में इस वार्ड में पांच मरीज एडमिट है, लेकिन उनका भी कोई पुरसाहाल नहीं है। इस वार्ड की हालत यह है कि वह एक झटका तक सहन नहीं कर सकता है। अगर समय रहते अस्पताल प्रशासन चेता नहीं तो कभी भी दुर्घटना हो सकती है। वहीं इस वार्ड की मरम्मत न हो पाने के कारण जले हुए पेशेंट को राहत नहीें मिल पा रही है।

बनाया जाता है स्पेशल वार्ड

जिले में बड़ी संख्या में बर्न केसेज को देखते हुए शासन ने जिला अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी वार्ड बनाने का निर्णय लिया था। करीब सात साल पहले इस भवन का निर्माण कार्यदाई संस्था द्वारा करवाया गया था। भवन तैयार होने के बाद कार्यदायी संस्था ने उसे जिला अस्पताल को हैंडओर कर दिया। इन सब के बाद भी प्लास्टिक सर्जरी का सपना अधूरा रह गया। बर्न मरीजों को आज तक सर्जरी की सुविधा नहीं मिल पाई। हालांकि इसका उपयोग डेंगू और स्वाइन फ्लू वार्ड के रूप में किया जाता रहा है।

बेमतलब हुए एसी

आज भी स्थिति दयनीय है। वार्ड की मरम्मत होने से बदहाल हो चुकी है। दीवार, छत और फर्श पूरी तरह से टूट चुके हैं। वहीं खिड़कियों व दरवाजे के लोहे जंग खा चुके हैं और शीशे टूट कर अलग हो गए हैं। इतना ही नहीं वार्ड में लगाए गए एसी भी काम नहीं कर रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल इस वार्ड को लेकर कितना गंभीर है। अस्पताल के दूसरे वार्डो की समय-समय पर मरम्मत करा‌ई्र जाती है, लेकिन बनने के बाद से कभी इस वार्ड की मरम्मत नहीं कराई गई।

इनकी होनी थी तैनाती

प्लास्टिक सर्जरी वार्ड को शुरू करने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की डिमांड की गई थी, लेकिन आज तक न तो डॉक्टर मिले और ना स्टाफ।

प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ -1

स्टाफ नर्स- 5

-वार्ड ब्वाय- 4

-स्वीपर - 2

वर्जन

वार्ड की मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अभी तक इसके लिए बजट नहीं मिला है। बजट आने के बाद कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। साथ ही जहां तक प्लास्टिक सर्जरी वार्ड को चालू करने की बात है तो कई बार इसके लिए शासन को पत्र लिखकर डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की डिमांड की गई है।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी जिला अस्पताल