- प्री-पेड मीटर के लिए कंज्यूमर्स को प्रोत्साहित नहीं कर रहे विभाग के कर्मचारी

- बिजली बिल संबंधी परेशानियों से छुटकारा दिलाएगा प्री-पेड मीटर

GORAKHPUR: शहर में बिजली विभाग के कर्मचारियों की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। बिजली बिल को लेकर रोज प्रॉब्लम झेलने वाले उपभोक्ताओं को प्री-पेड मीटर लगाने के बाद सभी झंझटों से निजात मिल जाएगी। हालांकि बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी खुद नहीं चाहते कि ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता प्री-पेड मीटर लगवा लें। बिजली अधिकारियों का कहना है कि पब्लिक खुद इसको लेकर इंटरेस्ट नहीं दिखा रही। शहर में मीटर की कीमत देने को लोग तैयार नहीं हो रहे हैं।

प्री-पेड से मनमानी पर कसेगी लगाम

शहर में बिजली के प्री-पेड मीटर लगाने की योजना एक साल पहले शुरू हुई थी। तब बिजली विभाग के अधिकारियों ने जोरशोर से इसका प्रचार किया। बाद में धीरे-धीरे बिजली विभाग के लोगों ने प्री-पेड मीटर पर जोर देना छोड़ दिया। पब्लिक के बीच इसको लेकर चर्चा ही बंद कर दी गई। मीटर रीडिंग करके बिल निकालने वाले कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, एसडीओ और अन्य अधिकारी भी धीरे-धीरे इसे भूल गए। कहा जा रहा है कि प्री-पेड मीटर लगने से कुछ बिजली कर्मचारियों की दुकान प्रभावित हो जाएगी। बिल की गड़बड़ी दुरुस्त करने के नाम पर काफी हेराफेरी होती है। प्री-पेड मीटर से उनकी मनमानी पर लगाम कस जाएगी। इसलिए विभाग के लोग खुद नहीं चाहते कि उपभोक्ता प्री-पेड मीटर लगवा लें।

योजना में हुआ था शहर का चयन

वर्ष 2015 में प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, आजमगढ़, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और कानपुर को प्रीपेड मीटर योजना में शामिल किया गया था। इन जिलों में 25 किलोवाट से कम लोड वाले सभी तरह के उपभोक्ताओं को प्री-पेड मीटर लगा दिया जाएगा। सिंगल फेज मीटर की कीमत छह हजार रुपए प्रति मीटर और थ्री फेस वाले मीटर का दाम 12 हजार रुपया तय किया गया था। वर्ष 2016 में शहर में प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की योजना शुरू हुई। यह भी तय किया गया कि उपभोक्ताओं को किश्त पर मीटर दे दिए जाएंगे।

सिर्फ 621 लोगों ने लिए कनेक्शन

शहर में एक साल के भीतर सिंगल फेस के सिर्फ 621 उपभोक्ताओं ने प्री-पेड मीटर लगवाए हैं। महज 133 मीटर थ्री फेज के लग सके हैं। जबकि बिजली विभाग को ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर बांटना था। बताया जाता है कि विभाग के लोगों की उदासीनता से लोग प्री-पेड मीटर खरीद नहीं पा रहे हैं। इसको लेकर कोई प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जाता है। हालांकि अपनी कमियों पर पर्दा डालते हुए विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपभोक्ताओं पर सारा ठीकरा फोड़ दे रहे हैं। विभागीय लोगों का कहना है कि मीटर की कीमत अधिक होने से लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

उपभोक्ताओं को ये होगा फायदा

- बिजली के बिल की गड़बड़ी से परमानेंट राहत मिल जाएगी।

- बिल की खामी दूर करने काउंटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

- उपभोक्ता अपने उपभोग के अनुसार बिजली का खर्च कर सकेगा।

- बिजली चेकिंग के नाम पर होने वाले उत्पीड़न से राहत मिलेगी।

- बिल जमा कराने, डुप्लीकेट बिल निकालने की समस्या नहीं रहेगी।

- बिजली के कार्ड रेट में सवा फीसदी का फायदा उपभोक्ता को मिलेगा।

- उपभोक्ता अपने हिसाब से मीटर को मोबाइल की तरह रिचार्ज करा सकेगा।

- 20 यूनिट तक पैसा बचे होने पर मीटर अलार्म बजाकर आगाह करेगा।

महानगर क्षेत्र में सब स्टेशन - 19

महानगर क्षेत्र के सब स्टेशन के फीडर - 130

शहर में कुल बिजली उपभोक्ता - 1,66,495

सिंगल फेस प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ता - 621

थ्री फेस प्री-पेड मीटर लगवा चुके उपभोक्ता - 133

सिंगल फेस मीटर की कीमत - 6000 रुपए

थ्री फेस मीटर की कीमत- 12000 रुपए

वर्जन

शहर में प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की योजना चल रही है। अभी बहुत कम लोगों ने कनेक्शन लिया है। उपभोक्ताओं को इसके फायदे बताए जाएंगे ताकि लोग प्री-पेड मीटर लगवाएं।

- एके सिंह, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल, गोरखपुर