- नेपाल और बिहार से आती तस्करी की चरस

- असोम दे रहा गांजा, पश्चिमी यूपी से मिलती स्मेक

- गोरखपुर से आसपास के जिलों में होता कारोबार

सुशांत सिंह राजपूत के इनवेस्टिगेशन अब ड्रग्स कनेक्शन की ओर ट्रांसफर हो चुकी है। बॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी इस मामले में कूद चुके हैं। देश भर में इसकी चर्चा है। गोरखपुर भी ड्रग्स कनेक्शन से अछूता नहीं है। नेपाल और बिहार से सटा गोरखपुर ड्रग्स तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट है। वाया गोरखपुर दूसरी जगहों पर चरस, स्मैक और अन्य नशे के सामान भेजे जाते हैं। शहर में स्मैक कारोबारियों की सक्रियता के कई सबूत मिल चुके हैं। तीन दिन पूर्व चौरीचौरा एरिया के सोनबरसा बाजार में एक युवक का एक्सीडेंट हो गया। पुलिस ने जब उसकी जेब टटोली तो स्मैक की पुडि़या बरामद हुई। यह इस बात का सबूत है कि स्मैक के खिलाफ होने वाली कार्रवाई नाकाफी है। सफेद पावडर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

हाइवे से थोक माल पार

शहर में स्मैक, गांजा और अन्य नशे के सामानों के लिए राजघाट एरिया में नशेड़ी भटकते हैं। राजघाट एरिया के हाबर्ट बंधा, अमरूद मंडी, चकरा अव्वल सहित कई जगहों पर नशे का जमकर कारोबार होता है। गुमटियों, झोपडि़यों और टिनशेड के मकानों में नशे की दुकान चलती है। राजघाट एरिया के अलावा शाहपुर और तिवारीपुर में भी इसकी जद में है। शहर में जहां फुटकर कारोबार होता है। वहीं हाइवे से बड़ी मात्रा में थोक माल पार करा दिया जाता है। नेपाल और बिहार से आने वाला माल गोरखपुर होकर दूसरी जगहों पर भेजा जाता है। बिहार से आने वाली ट्रेनों और बसों में कई बार चरस की खेप पकड़ी जा चुकी है।

लाखों रुपए हर महीने होता कारोबार

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि स्मैक और दूसरे नशे के सामानों का खूब कारोबार होता है। शहर में यह आंकड़ा 50 लाख से अधिक पार कर जाएगा। हर माह कम से कम इतने का माल खप जाता है। स्मैक की मामूली सी पुडि़या की सबसे कम कीमत 100 रुपए होती है। महीने भर में जो कारोबार होता है। वह धीरे-धीरे 50 लाख का आंकड़ा पार कर जाता है। हालांकि इसकी पुष्टि कर पाना मुश्किल है।

शहर से लेकर देहात तक फैला कारोबार

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में राजघाट एरिया में अमरूदमंडी, बर्फखाना सहित कुछ जगहों पर स्मैक का कारोबार धड़ल्ले से होता था। धीरे-धीरे ये छोटे कस्बों में भी पहुंच गया। गुलरिहा, शाहपुर, गोरखनाथ, तिवारीपुर सहित कई क्षेत्रों में दायरा बढ़ता चला गया। 10 जुलाई 2018 को गुलरिहा एरिया के साईधाम मोहल्ले में तीन स्मैक कारोबारी पकड़े गए। उनके पास से 35 हजार की पुडि़या मिली थी। इस मामले में पुलिस ने सेमरा नंबर एक, साईधाम कॉलोनी के किशन चौहान, लक्ष्मण चौहान और हरसेवकपुर के मनोहर चौहान को अरेस्ट किया।

नेपाल से होती है तस्करी

पुलिस और अन्य एजेंसियों से जुड़े लोगों का कहना है कि नेपाल के रास्ते चरस की खेप गोरखपुर पहुंचती है। पैंसेजर ट्रेनों के जरिए चरस के पैकेट स्टेशन के आसपास उतार लिए जाते हैं। बिहार से आने वाली ट्रेनों में बड़ी मात्रा में चरस की खेप पकड़ी जा चुकी है।

पूर्व में हुई ये बरामदगी

24 जून 2020: पांच लाख रुपए कीमत की स्मैक, दो लाख के गांजा संग चार अरेस्ट।

04 जनवरी 2020: जीआरपी ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 6.88 किलोग्राम चरस के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया।

21 नवंबर 2019: सगी बहनों को अरेस्ट करके दो किलो चरस और 21 पुडि़या स्मैक की बरामद किया।

13 मार्च 2019: एसटीएफ की कार्रवाई में दो युवक अरेस्ट, दो किलो हेरोइन बरामद हुई।

11 फरवरी 2019: डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) वाराणसी की टीम ने पिपराइच रेलवे स्टेशन से 20 किलो चरस बरामद किया।

15 मई 2019: रेलवे स्टेशन के चार नंबर प्लेटफॉर्म पर खड़ी अवध आसाम एक्सप्रेस से जीआरपी ने पांच किलो छह सौ ग्राम चरस करीब 55 लाख रुपए कीमत का बरामद किया।

10 नवंबर 2018: गोरखपुर से सेवहरी जा रही स्मैक की करीब एक करोड़ की खेप हाटा, कुशीनगर में पकड़ी गई।

10 जुलाई 2018: गुलरिहा एरिया के सेमरा नंबर एक, साईधाम में तीन लोगों को स्मैक बेचने में पुलिस ने पकड़ा।

20 दिसंबर 2017: गोरखनाथ एरिया के धर्मशाला बाजार में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 50 पुडि़या स्मैक संग युवक को अरेस्ट किया।

25 जुलाई 2017: शाहपुर के खरैया पोखरा में रहने वाले स्मैक की महिला कारोबारी पंडिताइन के घर छापेमारी करके पुलिस ने 550 ग्राम स्मैक, 93 हजार नकदी बरामद किया।

ड्रग्स के कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है। स्म्ैक के धंधे से जुड़ी महिलाएं जेल जा चुकी है। पूर्व में रजिस्टर्ड किए गए लोगों का वेरीफिकेशन कराया जाएगा। गोपनीय जांच कराकर पुलिस एक्शन लेगी। ड्रग्स के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी