गोरखपुर (ब्यूरो)। स्टेट कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट की फाइनेंशियल अप्रूवल से पूरा गोरखपुर गदगद है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं ट्विट कर यह जानकारी दी। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार भी जताया। तीन कार वाली लाइट मेट्रो के 15.14 किमी। के कॉरिडोर-1 में 2670.37 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कॉरिडोर-1 में श्याम नगर से एमएमएमयूटी तक लाइट मेट्रो चलेगी। यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से बुधवार को लाइट मेट्रो का मॉडल भी सामने लाया गया। पीआईबी की मुहर लगने के बाद गोरखपुर लाइट मेट्रो के जल्द शिलान्यास की अटकलें तेज हो गई हैं।

करीब छह महीने पहले उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने गोरखपुर में मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी। उसके बाद से यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की मंजूरी के इंतजार में लंबित था। मेट्रो सिटी में मेट्रो रेल संचालित होने की बाध्यता के कारण ही गोरखपुर को 19 नवंबर को मेट्रो सिटी घोषित किया गया। मेट्रो सिटी घोषित होने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पीआईबी से भी जल्द मंजूरी मिल जाएगी। गोरखपुर मेट्रो सिटी में मुंडेरा बाजार, पिपराइच, पीपीगंज नगर पंचायतों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही जीडीए में शामिल गांवों को भी इसका हिस्सा बनाया गया है।

4672 करोड़ का है मेट्रो प्रोजेक्ट

गोरखपुर लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर करीब 4672 करोड़ रुपए का बजट खर्च होने का अनुमान है। राइट्स और लखनऊ रेल मेट्रो कॉरपोरेशन ने उसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अनुमोदन पहले शासन को भेज दिया था।

दो रूट पर होंगे 27 स्टेशन

गोरखपुर मेट्रो के प्रथम चरण में दो कारिडोर होंगे। दोनों कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन खंंभों पर ही एलिवेटेड बनाए जाएंगे। तीन बोगियों वाली इस मेट्रो से एक साथ 600 लोग सफर कर सकेंगे। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार कॉरिडोर एक पर ट्रैफिक लोड वर्ष 2024 में 1.55 लाख, वर्ष 2031 में 2.05 लाख और 2041 तक 2.53 लाख हो जाएगा। इसी तरह कॉरिडोर दो पर वर्ष 2024 में 1.24 लाख लोग रोजाना सफर करेंगे। वर्ष 2031 तक यह संख्या बढ़कर 1.73 और 2041 में 2.19 लाख हो जाने का अनुमान है।

कॉरिडोर-1

श्याम नगर बरगदवां के पास से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी लंबा होगा। इसमें 14 स्टेशन बनाए जाएंगे।

कॉरिडोर-2

दूसरा कॉरिडोर मेडिकल कॉलेज के पास गुलरिहा से नौसढ़ तक 12.70 किमी लंबा होगा। इस पर 13 स्टेशन बनाए जाएंगे।

काम में आएगी तेजी

यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकृत सूत्रों की मानें तो पीआईबी की क्लीयरेंस से लाइट मेट्रो का काम अब तेजी पकड़ेगा। अब इसे सेंट्रल कैबिनेट को अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद काम को शुरू करने के हिसाब से यूपीएमआरसी स्टाफ की तैनाती गोरखपुर में करेगा।

बस स्टैंड की तरह होगा स्टेशन

लाइट मेट्रो का स्टेशन भी बस स्टैंड की तरह होगा। लाइट मेट्रो में तीन से चार कोच होते हैं। एक कोच में 600 यात्री सफर करते हैं। सड़क पर ही चलती है। जहां पर जगह नहीं होती है, वहां एलिवेटेड रूट तैयार किया जाता है। इसके स्टेशन भी छोटे होते हैं। लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट में काफी समानता है। मेट्रो की तरह है लेकिन इसमें सारी सुविधाएं मेट्रो की तरह नहीं होती है। लाइट मेट्रो के ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगाए जाते हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में ओवरहेड रूट तैयार किया जाता है। ट्रेन की लंबाई के एक तिहाई हिस्से में प्लेटफार्म पर शेड लगेगा। इसमें एक्सरे स्कैनर, ऑटोमेटिक एयर कलेक्शन गेट, कनकोर्स जैसी सुविधाएं नहीं होंगी। एलिवेटेड रूट पर ओवरहेड स्टेशन बनते हैं। इसमें एक ही एंट्री और एग्जिट गेट होता है। लाइट मेट्रो में सफर के दौरान नियम तोडऩे पर ज्यादा जुर्माना लगता है।

फैक्ट फाइल

2670.37 करोड़ से तैयार होगा कॉरिडोर-1

167.8 करोड़ रुपए प्रति किमी। खर्च होंगे

15.14 किमी लंबा है कॉरिडोर-1

14 स्टेशन होंगे कॉरिडोर-1 में