डायरिया का डर

- अभी तक नगर निगम ने शहर में नहीं शुरू किया क्लोरिनेशन का कार्य

- शहर के एक दर्जन से अधिक एरिया में फैला है डायरिया का प्रकोप

GORAKHPUR: नगर निगम की लापरवाही से शहर में डायरिया डेंजरस होता जा रहा है। बरसात होते ही शहर के हर हिस्से से डायरिया के मरीजों की संख्या में जहां इजाफा होने लगा है। वहीं, नगर निगम की ओर से अब तक लोगों तक शुद्ध पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। हाल ये है कि शहर के ज्यादातर इलाकों की वाटर सप्लाई का अब तक क्लोरिनेशन नहीं हो सका है। जिसके चलते बारिश से दूषित पानी पीना पड़ रहा है।

कब साफ होगा पानी?

जलकल की पानी सप्लाई में सामान्य मौसम में भी क्लोरीनेशन करने के लिए मशीनें लगी हैं। बारिश के समय क्लोरीनेशन की मात्रा बढ़ा दी जाती है। लेकिन इस साल अभी तक नगर निगम के जलकल विभाग ने ऐसा नहीं किया है। इसी का नतीजा है कि विभिन्न एरियाज में लोग गंदा पानी के चलते डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। एल्यूमिनियम फैक्ट्री के पास स्थित कृष्णा नगर एरिया हो चाहे रुस्तमपुर, नौसड़ और छोटेकाजीपुर, हर जगह डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

क्लोरीन की गोली का भी नहीं पता

बरसात का मौसम शुरू होने के पहले नगर निगम द्वारा ऐसे एरिया, जहां जलकल द्वारा पानी सप्लाई नहीं होती है, मलीन बस्तियों और घनी आबादी वाले एरिया में क्लोरीन की गोली बांटने का नियम है। शहर के ऐसे एरियाज में आखिरी बार 2013 में नगर निगम द्वारा 20 हजार गोली बांटी गई थी। इस बार की बात करें तो अभी कहीं भी गोली का डिस्ट्रिब्यूशन नहीं किया गया है। जिसके चलते लोग दूषित पानी पाने को मजबूर हैं।

वर्जन

क्लोरीनेशन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पत्र लिखा गया है। क्लोरीन की गोली भी बांटी जाएगी। कोशिश की जा रही है कि जलकल की सप्लाई साफ हो।

- अमरनाथ श्रीवास्तव, जीएम जलकल

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