गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं, 2971 कैंडिडेट्स ने परीक्षा छोड़ दी। बीएड एंट्रेंस एग्जामिनेशन में इस साल भी आसान सवाल पूछे गए थे। ज्यादातर कैंडिडेट्स ने बताया कि दोनों पेपर बहुत अच्छा हुआ है। पहली पाली में जीके और हिन्दी का पेपर ज्यादा आसान रहा। जबकि, दूसरी पाली में रीजनिंग, गणित, विज्ञान और अभिरुचि के सब्जेक्ट्स में कैंडिडेट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसे में माइनस मार्किंग के बावजूद माना जा रहा है कि इस बार मेरिट हाई जाएगी।

दूसरे पेपर ने कैंडिडेट्स को छकाया

पहले पेपर में सामान्य ज्ञान व हिन्दी सभी के लिए था, जबकि दूसरे पेपर में रीजनिंग, गणित, विज्ञान के साथ ही कला, विज्ञान व कृषि के कैंडिडेट्स के लिए उनके चयनित सब्जेक्ट्स के मुताबिक प्रश्न थे। दूसरे पेपर में रीजनिंग को छोड़कर कई घुमावदार सवालों ने अभ्यर्थियों को छकाया।

13059 कैंडिडेट्स ने दी परीक्षा

गोरखपुर के 30 केंद्रों पर आयोजित एग्जाम में कुल रजिस्टर्ड 14,690 कैंडिडेट्स में से पहली पाली में 13,055 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी जबकि 1635 कैंडिडेट्स परीक्षा में अब्सेंट रहे। वहीं, दूसरी पाली में 13059 कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया जबकि 1631 कैंडिडेट्स एग्जाम में अब्सेंट रहे। वहीं, कुशीनगर के 15 केंद्रों पर आयोजित एग्जाम की पहली पारी में कुल रजिस्टर्ड 7177 कैंडिडेट्स में से 6546 ने एग्जाम में अपीयर किया, जबकि 631 कैंडिडेट अब्सेंट रहे। वहीं, दूसरी पाली में हुए एग्जाम में 6,544 कैंडिडेट्स शामिल हुए और 633 अब्सेंट रहे।

देवरिया में अब्सेंट रहे 709 कैंडिडेट

देवरिया के 15 केंद्रों पर आयोजित एग्जाम की पहली पारी में 6204 कैंडिडेट्स शामिल हुए जबकि 709 ने परीक्षा छोड़ दी। यही हाल दूसरी पाली की परीक्षा में भी रहा। तीनों जिलों में आयोजित एग्जाम की स्थानीय स्तर पर निगरानी के लिए डीडीयू के रजिस्टार ऑफिस में अस्थाई कंट्रोल रूम बनाया गया था। बीएड एंट्रेंस एग्जाम के नोडल कोआर्डिनेटर प्रो। उदय सिंह ने बताया कि पूरी परीक्षा के दौरान किसी भी केंद्र पर कोई नकलची नहीं पकड़ाया। उन्होंने बताया कि परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए सभी केंद्रो के कमरों में वेबकास्टिंग का इंतजाम किया गया था। उन्होंने बताया कि एंट्रेंस एग्जामिनेशन को दो पालियों में आयोजित किया गया था। पहली पाली की परीक्षा सुबह 9 से 12 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 से 5 बजे तक संपन्न हुई।

बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी से होती रही पल-पल की निगरानी

प्रो उदय ने बताया कि इस बार के एंट्रेंस एग्जाम का अयोजन बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी झांसी की ओर से किया गया। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से सीसीटीवी सर्विलांस और फोन के माध्यम से पल-पल की निगरानी की गई। इस दौरान किसी भी केंद्र पर कोई भी कैंडिडेट नकल करते नहीं पकड़ा गया। प्रो। उदय ने बताया कि परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए गोरखपुर यूनिवर्सिटी के साथ ही जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों, केंद्राध्यक्षों और पर्यवेक्षकों ने लगातार तीन दिनों तक अनवरत मेहनत की।

एग्जाम से एक घंटा पहले पहुंचे कैंडिडेट

बीएड एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स पहले से जारी निर्देशों के मुताबिक रविवार को एग्जाम से एक घंटा पहले ही अपने निर्धारित केंद्रों पर पहुंच गए थे। कुछ ऐसे कैंडिडेट्स जो दूसरे जिलों के रहने वाले थे वे एक दिन पहले ही गोरखपुर पहुंच चुके थे।

अंदर मां, बाहर दादी-नानी का इम्तिहान

महिला परीक्षार्थी अंदर परीक्षा दे रही थीं तो उनके अभिभावक इस लू के थपेड़ों को दिन भर झेलते रहे। कई महिला परीक्षार्थी अपने दूधमुंहे बच्चे को लेकर आई थीं। मां अंदर परीक्षा दे रही थी तो बाहर दादी-नानी, मौसी-बुआ समेत अन्य रिश्तेदार छांव में बच्चों को संभालते रहे।