गोरखपुर (ब्यूरो)। टूटी सड़कें और ओवरलोड वाहन आए दिन दुर्घटना के कारण बन रहे हैं। ऐसी कई गंभीर बातें दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से बुधवार को आर्गनाइज वेबिनार में गोरखपुराइट्स ने कहीं। सेफ्टी फस्र्ट कैंपेन के तहत आईनेक्स्ट ने लोगों से फीडबैक लिए और उनका समाधान कराने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी से बात की। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट गोरखपुर के सम्पादकीय प्रभारी शिशिर मिश्र ने वेबिनार की रूपरेखा रखी।

महेश शुक्ला: पब्लिक को सुधरना होगा, लोग सिग्नल तोडऩे में बहादुरी समझते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। नाबालिग सड़क पर वाहन ना दौड़ाएं। इस पर ट्रैफिक विभाग को प्लान तैयार करना चाहिए। सर्वाधिक सड़क हादसे नाबालिगों की नादानी से हो रहे हैं.

क्षमा शुक्ला: जनवरी के फस्र्ट वीक में मेरी माता जी दुर्घटना की शिकार हो गई। जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है। माल ढोने वाली गाडिय़ां तेज स्पीड में फर्राटा भर रही हैं। इन पर कार्रवाई होनी चहिए। ऐसे वाहन सड़क भी तोड़ रहे हैं, विभाग को सड़कों की मरम्मत कराना चाहिए।

आदित्य तिवारी: सबसे जरूरी है कि हर कोई अवेयर हो। इसको स्कूल के सिलेबस में तो रखा गया है, लेकिन इसपर अमल कम ही लोग करते हैं। सड़कों पर विधि का पालन सही ढंग से हो तो दुर्घटनाएं रुकेंगी। साथ ही सड़क पर चालान काटने का पावर हर किसी के पास नहीं होना चाहिए।

राजू शुक्ला: सिटी मॉल के ठीक सामने लोहे की ऊंची रॉड निकली हुई है। उससे टकरा कर मेरी दुर्घटना हुई थी। इसकी कंप्लेन भी मैंने की। लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। लोहे की ऊंची रॉड किसी दिन बड़े हादसे की वजह भी बन सकती है। उसको सड़क के बीच से हटाना चाहिए।

रमन अस्थाना: टाउनहॉल से कचहरी तक हमेशा जाम रहता है। यह रोड ही जिला महिला अस्पताल भी जाती है। जाम की वजह से एंबुलेंस भी फंसती है। इस रास्ते को खाली रखने का उपाय विभाग को करना होगा।

आरती प्रियदर्शनी: मेडिकल कॉलेज रोड पर स्कूल की छुट्टियों के समय नाबालिग तेज रफ्तार में बाइक दौड़ाते हैं। उस पर तीन सवारी भी बैठाते हैं। नियम से चलने वाले भी इनके शिकार हो सकते हैं। नाबालिग गाड़ी ना चलाएं। इस तरफ ध्यान देना होगा। पेरेंट्स को भी अवेयर करने की जरूरत है।

डॉ। गौरव गोस्वामी: स्कूली शिक्षा में ट्रैफिक रूल को अनिवार्य रूप से पढ़ाना चाहिए। अमेरिका, जर्मनी में क्लास 1 के बच्चे को भी ट्रैफिक रूल पढ़ाया जाता है। पब्लिक को भी ख्याल रखना होगा कि खास तौर से लेफ्ट लेन खाली रखें, ताकि जाम की स्थिति पैदा न हो।

तन्नू शर्मा: पेरेंट्स में भी अवेयरनेस की कमी है। छोटे बच्चे बेढंगी गाड़ी चला रहे हैं। गली में आते ही लोग हेलमेट निकाल देते हैं। वह केवल पुलिस से बचने के लिए हेलमेट लगाते हैं, उन्हें यह पता ही नहीं है कि इससे उनकी जान बचती है। सड़कों का चौड़ीकरण, जेब्रा क्रॉसिंग और खाली फुटपाथ बहुत जरूरी हैं।

निखिल गुप्ता: नियम कानून तो बहुत सख्त बनाए गए हैं। टै्रफिक पुलिस को इसका पालन भी सख्ती से कराना चाहिए। बहुत से लोग कानून तोड़ रहे हैं, उनको जुर्माने लगाकर दंडित करना चाहिए। जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, लोग खुद से अवेयर नहीं होंगे।

मुकेश कुमार: सबसे पहले खुद अवेयर होना चाहिए। हर टै्रफिक नियम का फॉलो करना चाहिए। इसके बाद घर में और लोग आपको देखकर अवेयर हो जाएंगे। विभाग के लिए जरूरी है कि वह अधिक से अधिक अवेयनेस प्रोग्राम कराए और यह स्कूल में तो बहुत जरूरी है।

नाबालिग बच्चों पर सख्त नियम आ चुका है। पेरेंट्स को ध्यान देना होगा कि वह उन्हें गाड़ी ना दें। कहीं भी कोई अनहोनी होती है तो पैरेंट्स की भी जिम्मेदारी तय की गई है। वह बच नहीं सकते हैं। सड़कों पर लगातार अभियान चलाकर रूल तोडऩे वालों पर कार्रवाई चल रही है। स्कूलों में जाकर टीम बच्चों को अवेयर भी कर रही है। पब्लिक के दिए सुझावों पर भी काम किया जा रहा है।

श्याम देव, एसपी ट्रैफिक

नगर निगम लगातार सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कर रहा है। काफी हद तक अभियान चलाकर किया भी जा चुका है। हालांकि लोगों को भी अवेयर होना होगा कि वह सड़क पर कब्जा न करें। चिह्नित सड़कों को चौड़ी करने का भी काम जारी है।

दुर्गेश मिश्र, अपर नगर आयुक्त

ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों पर कार्रवाई की जाती है और पुलिस के साथ मिलकर अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं। लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वे अतिक्रमण नहीं करें।

अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन