गोरखपुर (ब्यूरो)। ( एफआरके) एमंग कम्युनिटी फॉर एमेलियरेशन ऑफ एनीमियाÓ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि पदमश्री उपाधि के लिए चयनित प्रो। रामचेत चौधरी में अपने व्याख्यान में बताया कि एफआरके बायोफोर्टिफाइड जबकि काला नमक चावल प्राकृतिक रूप से फोर्टिफिाइड चावल है। जिसमें आयरन विटामिन ए तथा अन्य पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से कई बीमारियों से लडऩे में कारगर है। मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। संयोजक प्रो। शांतनु रस्तोगी ने अतिथियों का स्वागत करके किया।

लैब टू लैंड के भाव को करता है साकार

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं वीसी प्रो। पूनम टंडन ने इस तरह के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होते रहना चाहिए। विश्वविद्यालय आईसीडीएस तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ है। उन्होंने कहा लैब टू लैंड के भाव को साकार करता हुआ। कार्यक्रम अपने आप में एक अभियान है और विश्वविद्यालय हर संभव प्रयास कर समाज के अंतिम पायदान से 'एनीमियाÓ और कुपोषण भगाने के लिए प्रयास करता रहेगा। कार्यक्रम की मुख्य संयोजक प्रो। दिव्या रानी सिंह ने संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला। व्याख्यान के क्रम में प्रोग्राम पॉलिसी ऑफिसर डॉक्टर निरंजन ने अपने उद्बोधन में बताया कि एफआरके चावल के आटे में दो तरह के विटामिन (विटामिन बी 9 तथा 12) तथा आयरन को मिलाकर बनाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया की एफआरके के वितरण में डब्लूपीएफ किस प्रकार कार्य कर रहा है। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक प्रो। दिव्या रानी सिंह ने पीपीटी के माध्यम से एफआरके के स्वास्थ्य लाभों को बताते हुए उसके संरक्षण, उपयोग और प्रोसेसिंग के तरीके पर प्रस्तुतीकरण दिया।

पीडीएस स्कूल व एडीएम में करता है काम

कार्यक्रम में उपस्थित रीजनल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर केके सिंह ने पीडीएस के बारे में उद्बोधन देते बताया कि एफआरके के वितरण में पीडीएस स्कूल में एमडीएम के द्वारा कैसे काम कर रहा है। कार्यक्रम में गोरखपुर जिले के सीडीपीओ व 20 ब्लॉक्स से सुपरवाइजर तथा 200 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उत्साह के साथ सहयोग दिया। कार्यक्रम में गृह विज्ञान विभाग की असिटेंट प्रो। डॉक्टर अनुपमा कौशिक व डॉक्टर नीता सिंह संचालक रहीं। कार्यक्रम में संबद्ध महाविद्यालयों की शिक्षिकाएं तथा शोध छात्रायें उपस्थित रहीं। इस सेमिनार में गृह विज्ञान विभाग की शोध छात्राएं कविता सिंह, गार्गी पांडेय, प्रतीक्षा, काजोल आर्यन, समीरा, पल्लवी शर्मा, अर्चिता चौरसिया, अंजुला, संगीता तथा कविता त्रिपाठी तथा मास्टर्स के छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।