गोरखपुर (ब्यूरो)। मेले की खास बात यह रही कि इसमें रामचरितमानस और नाथ पंथ पर लिखी किताबों की खूब डिमांड रही। यह किताबें हाथों-हाथ बिकीं। देश के बड़े बड़े प्रकाशन करीब एक-एक हजार ही पुस्तकें बेच सकें तो अकेले गीता प्रेस की पांच हजार से ज्यादा पुस्तकें बिकी हैं। मेले में सर्वाधिक बिक्री रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण की हुई है। पॉकेट फार्मूला व पॉकेट डिक्शनरी के अलावा यू-ट््यूबर की प्रोफाइल आधारित पुस्तकें बच्चों व युवाओं का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

डिमांड में ये बुक्स

पुस्तक विक्रेताओं की मानें तो श्रीलाल शुक्ल की मशहूर किताब 'रागदरबारीÓ की स्थिति यह है कि महोत्सव के पहले तीन दिन में सारी बिक गईं। रेणु के 'मैला आंचलÓ की अभी भी डिमांड है। जस्टिन गार्डर का 'सोफी का संसारÓ खूब बिक रहा। दशरथ ओझा की किताब शंकराचार्य : एकता के देवदूत और भगवान की ङ्क्षसह 'अपने-अपने रामÓ व 'भारतीय मुसलमानÓ पुस्तक की भी अबतक मेले में काफी डिमांड रही है। नई किताबों में उपन्यास 'रेत समाधिÓ और पीयूष मिश्रा की 'तुम्हारी औकात क्या हैÓ लोग खूब खरीद रहे हैं।

गीता प्रेस की बिकीं 1500 किताबें

गीता प्रेस के स्टॉल पर मौजूद कर्मचारी रमेश अग्रवाल ने बताया, 3 दिनों में तकरीबन 1500 से अधिक धार्मिक किताबों की बिक्री हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा पसंद लोग वाल्मीकी रामायण के नए अंक और रामचरितमानस की कर रहे हैं और रोजाना इन पुस्तकों का नया स्टॉक मंगाना पड़ रहा है। रामचरितमानस के प्रति युवाओं का विशेष आकर्षण रहा। बहुत से युवाओं ने अर्थ सहित गीता खरीदी। अति निम्न आकार की गीता, जिसकी कीमत महज 10 रुपए थी, लोगों ने खूब खरीदी।

बुक फेयर में सामाजिक एकता

बुक फेयर में अहमदिया मुस्लिम कम्युनिटी के स्टॉल से कुरान शरीफ की बिक्री भी खूब हुई। वहीं, दूसरी ओर बगल में लगे द गिडियंस गोरखपुर के स्टॉल पर क्रिश्चयन कम्यूनिटी की बुक नया नियम फ्र में दी जा रही है। सभी धर्मों के बुक स्टॉल देख यहां आने वाले लोगों को सामाजिक एकता का अहसास हो रहा है।

पाठकों की भूख बरकरार

राजकमल प्रकाशन के सेल्स मैनेजर राम सिंह ने बताया, कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग पुस्तक मेले में पहुंचे और खरीदारी की। इससे जाहिर होता है कि किताबों के प्रति पाठकों की भूख अभी भी बरकरार है। वाणी प्रकाशन के सेल्स मैनेजर दिनेश ने बताया, लोगों ने अपनी रुचि की किताबें खरीदीं।

किताबों पर 80 परसेंट तक छूट

बुक फेयर में शहर के मशहूर पुस्तक विक्रेताओं के साथ ही लखनऊ और प्रयागराज तक के दुकानदार अपना स्टॉल लगाने के लिए आए हैं। यहां लगी किताब की दुकानों पर 50 परसेंट से लेकर 80 परसेंट तक छूट दी जा रही है। मेले में धार्मिक पुस्तकों के अलावा काम्पटीशन और सिलेबस की बुक्स भी मिल रही हैं। कुछ दुकानदार चुटकुले और कहानियों की किताबें भी बेच रहे हैं।

मुझे भारत के बारे में पढऩे का बहुत शौक है। इसीलिए डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की हिन्दी अनुवाद वाली पुस्तक खऱीदी है। फेयर में मनपसंद की बहुत किताबें हैं, जिन्हें वह पढऩा चाहती हैं।

रुखसार फातिमा

मुझे ओशो के बारे में पढऩा बहुत पसंद है और बुक फेयर में ओशो की कई किताबें देखने को मिलीं और उन्होंने ओशो की किताब 'मैं कौन हूंÓ परचेज की है।

आदर्श श्रीवास्तव

बुक फेयर में किताबों पर भारी छूट मिल रही है। उन्हें सेल्फ डेवलपमेंट वाली किताबें बहुत पसंद हैं और यहां से उन्होंने नीलोत्पल मृणाल की किताब डार्क हॉर्स खरीदी है।

वासु मिश्रा