गोरखपुर (ब्यूरो) बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में जर्जर बिल्डिंग और रैंप का डिजाइन एमएमएमयूटी गोरखपुर के इंजीनियर्स ने तैयार किया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 3.25 करोड़ रुपए का प्रपोजल शासन को भेज दिया। शासन से बिल्डिंग और रैंप कार्य के लिए टेक्निकल अप्रूवल मिल चुकी है। सिर्फ बजट मिलने का इंतजार है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर और विभिन्न वार्डो तक पेशेंट्स को जाने वाला एकलौता रास्ता रैंप हैं। जर्जर बिल्डिंग और रैंप के रास्ते खतरे से खाली नहीं है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक में खुलासा किया। 'हे भगवान बीआरडी में चली न जाएं जानÓ, की खबर को प्रमुखता से अपने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट पेपर के अंक नंबर चार पर प्रकाशित किया। खबर का संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल डॉ। सुनील आर्या अनुरक्षण विभाग के प्रभारी से बातचीत की थी। हालांकि बिल्डिंग की डिजाइन एमएमएमयूटी गोरखपुर के इंजीनियर्स से तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया। बताया जा रहा है कि शासन से टेक्निकल अप्रूवल मिल चुका है। बजट का इंतजार किया जा रहा है। बजट मिलते ही कार्यदायी संस्था नामित होगी। इसके बाद कार्य शुरू हो जाएगा।

प्रपोजल को अप्रूवल मिल चुका है। इस पर 3.25 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

डॉ। अशोक यादव, प्रभारी अनुरक्षण विभाग बीआरडी

खुले डैंजर्स केबिल बॉक्स, एसई ने इंजीनियरों की लगाई क्लास

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर का एसई ने लिया संज्ञान

-एसई के एक फोन पर अफसरों और बिजली कर्मचारियों में मचा हड़कंप

सिटी के व्यस्ततम एरिया में खुल केबिल बॉक्स राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने 'हर चौराहे पर खड़े हैं यमराज की खबर को शनिवार के न्यूज पेपर में प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होते ही बिजली विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया। खबर का संज्ञान लेते हुए एसई शहर ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह ने अभियंताओं की क्लास लगाई। साथ ही खुले केबिल बॉक्स और लटकते केबिल को दुरूस्त करने का निर्देश दिए। एसई शहर ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह ने अभियंताओं और कर्मचारियों को सख्त लहजे में कहा है कि कार्य में लापरवाही कत्तई बर्दास्त नहीं की जाएगी। व्यस्थतम मार्केट में खुले हुए केबिल बॉक्स सेफ तरीके से स्थापित नहीं हैं। ये चौराहे अत्यंत व्यस्त एंव घनी आबादी के एरिया है। इस रास्ते से राहगीरों की आवाजाही रहती है। यहां विद्युत सुरक्षा के दृष्टिगत ऊर्जा लाइन का समय-समय पर मेंटेनेंस किया जाना जरूरी है। लेकिन अत्यंत खेद है कि अभियंता और बिजली कर्मचारी विद्युत सुरक्षा जैसे प्रकरण को लेकर संवेदनशील नहीं हैं और ध्यान नहीं दे रहे है। उन्होंने बताया कि जिम्मेदार अफसर स्थलीय निरीक्षण करवाकर इस प्रकार के असुरक्षित लाइन को जल्द से जल्द दुरूस्त कराए। खुले हुए केबल बॉक्स में ढ़क्कन लगाकर बंद कराएं। जल्द से जल्द खंड के अफसर मेंटेनेंस कार्य कर अवगत कराए। मेंटेनेंस नहीं होने की दशा में यदि कोई घटना होती है तो इसके जिम्मेदार खुद अफसर और कर्मचारी होंगे।