गोरखपुर (ब्यूरो)। इंस्टीट््यूट ऑफ मदर एंड चाइल्ड हेल्थ इंडिया व नार्डिक फॉर सेस्टेनेबल हेल्थ केयर (एनसीएसएच) स्वीड ने मेडिकल कॉलेज सर्वे कर कमियों को दूर करने का निर्देश दिया है और रिपोर्ट बनाकर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को भेज दी गई है। उनकी हरी झंडी के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। यह प्रयोग सफल हुआ तो इसी तर्ज पर प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों को क्लीन एंड ग्रीन बनाया जाएगा।

पॉयल प्रोजेक्ट में सलेक्ट

एनसीएसएच ने प्रदेश में बीआरडी मेडिकल कॉलेज को पायलट प्रोजेक्ट के लिए सलेक्ट किया है। शासन से हरी झंडी लेकर स्वीडन के डेनियल एरिक्सन व जोहांस ब्रुडन ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंस्पेक्शन कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। पुराने भवनों की मरम्मत, कूड़ा निस्तारण, जल शोधन के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी व ऊर्जा संरक्षण समेत कई एरिया में बदलाव का सुझाव दिया है।

टीम ने सर्वे पाई कमियों, दूर करने का निर्देश

- पुराने भवन जो 1074 के आसपास बने हैं।

-भवनों की मरम्मत जरूरी है।

-सफाई व्यवस्था में कमी

-एसी प्लांट, चिलर प्लांट, सोलर प्लांट की सफाई नहीं पाई गई। -जरूरत से ज्यादा ऊर्जा खर्च

-ऊर्जा की बचत के लिए टीम ने सीएंफएल बल्बों को लगाने की सलाह ऐसा करके 10 परसेंट ऊर्जा बचाई जा सकती है।

-जमीन पर कूड़ा फेका जाता है

-बारिश में कूड़ा से उठती है दुर्गंध

-बैक्टीरिया-वायरस पानी के साथ भूगर्भ जल में चले जाते हैं।

-कूड़ा गिराने वाले स्थान पर क्रंक्रीट सीट बनाने की सलाह

- एसटीपी से जोड़े जाने ताकि पानी रिसाइकिल हो सके।

-बायोवेस्ट के उचित निस्तारण

-ऑपरेशन थियेटर से निकलने वाले केमिकल को वातावरण में जाने से रोकने के लिए स्कैवेजिंग सिस्टम लगाने का सुझाव।

-कुछ स्थानों पर यूपीएस नहीं पाया गया, वहां यूपीएस लगाने की सालाह ताकि बिजली न रहने पर भी वेंटीलेटर संचालित किया जा सके।

-लाउंड्री से निकलने वाले केमिकल के उचित प्रबंधन व एसी में अत्याधुनिक गैस भरने की सलाह। ताकि पर्यावरण को कम नुकसान हो।

-ऑक्सीजन प्लांट में सुरक्षा का बेहतर उपाय करने का सुझाव

पिछले दिनों एनसीएसएच की टीम ने कॉलेज का सर्वे किया है। मिली कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को भेज दी है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद टीम के सुझावों के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। सफाई व्यवस्था पहले से काफी बेहतर कर दी गई है।

- डॉ। सुनील कुमार आर्या, कार्यवाहक प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज