गोरखपुर (ब्यूरो)। 27 जनवरी को कला संकाय भवन में बैग मेें फोन रखकर वह एग्जाम देने के लिए चले गए, जब वह वापस आए तो मोबाइल बैग में नहीं था। यह मामला सिर्फ एक स्टूडेंट के साथ नहीं बल्कि दर्जनों स्टूडेंट्स के साथ हुआ है। जिनके मोबाइल एग्जामिनेशन हाल के बाहर से गायब हो जा रहे हैैं। यह सभी कैंट थाने में तहरीर देकर अपने-अपने मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगवाकर पुलिस के साथ उसकी तलाश में लगे हैं। यूनिवर्सिटी प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम का कहना है कि कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद हैै। जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कैंपस के एंट्री गेट से लेकर कैंपस तक रियल्टी चेक किया तो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई।

मोबाइल जमा नहीं करते स्टूडेंट

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। मेन गेट से एंट्री करते ही दावों की हवा निकलती नजर आई। हर एक स्टूडेंट बिना किसी पूछताछ या फिर रोकटोक के एंट्री करता नजर आया। जबकि स्टूडेंट्स के आईकार्ड या फिर एडमिट कार्ड देखकर ही उन्हें एंट्री दी जाती थी। एंट्री पर किसी तरह का कोई सवाल नहीं पूछा जा रहा था। वहीं यही हाल हिंदी विभाग की ओर से आने वाली सेकेंड एंट्री का भी है। इसके बाद जब टीम एग्जामिनेशन सेंटर पहुंची तो यहां बैग लेकर बाहर ही रखवा लिया जा रहा था। यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों की मानें तो इसके लिए चीफ प्रॉक्टर ऑफिस में अलग से काउंटर बनाए गए हैं, लेकिन वहां स्टूडेंट्स अपना बैग जमा ही नहीं करते हैं।

68 सिक्योरिटी कर्मचारियों की है तैनाती

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कैप्टन जेएन सिंह सिक्योरिटी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास कुल 68 सिक्योरिटी कर्मचारी हैैं। जो यूनिवर्सिटी कैंपस के सभी डिपार्टमेंट के पास तैनात रहते हैैं।

इन सिक्योरिटी कर्मचारियों की तैनाती

- एसओ - 01

- सुपरवाइजर - 03

- गन मैन - 04

- डंडा मैन - 60

कुल - 68

इन जगहों पर है तैनाती

- मजीठिया भवन

- संवाद भवन

- कला संकाय भवन

- दीक्षा भवन

- एजुकेशन डिपार्टमेंट

- हीरा पुरी कालोनी

- याची कंपाउंड

प्रॉक्टर ऑफिस में जमा हो रहे मोबाइल

इस मामले में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने जब चीफ प्रॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स के मोबाइल को सेफ रखने के लिए प्रॉक्टर ऑफिस में अपने-अपने मोबाइल जमा कर ही परीक्षा देने जाएं। यहां उन्हें मोबाइल जमा कर टोकन भी दिया जाता है। लेकिन कोई भी स्टूडेंट्स यहां मोबाइल जमा कराने के लिए नहीं आता है। वह मोबाइल को परीक्षा केंद्रों तक ले जाते हैैं। ऐसे में एग्जामिनेशन हॉल में मोबाइल की एंट्री नहीं है तो उनके मोबाइल और बैग निकलवा दिए जाते हैं। यह साफ कर दिया गया है कि गायब होने की कंडीशन में जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की नहीं होगी।

मोबाइल फोन कैंपस में लाना जरूरी है, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से जहां मोबाइल और बैग जमा करने के लिए व्यवस्था की गई है। वहीं जमा करना चाहिए। स्टूडेंट्स को इधर-उधर रखने की जरूरत क्या है। जबकि स्टूडेंट्स यह गलती ज्यादा कर रहे हैैं।

नीलम, स्टूडेंट

आज की डेट में मोबाइल हमारी जरूरत है। घर वालों को अपने लोकेशन की जानकारी देने में आसानी होती है, लेकिन एग्जामिनेशन सेंटर के बाहर रखकर जान और गायब हो जाने पर यूनिवर्सिटी को जिम्मेदार ठहराना गलत होगा।

रिद्धि गुप्ता, स्टूडेंट

आर्ट फैकेल्टी और दीक्षा भवन में एग्जामिनेशन सेंटर बनाया जाता है। भारी संख्या में स्टूडेंट्स परीक्षा देने के लिए आते हैैं, लेकिन उनमें कुछ स्टूडेंट्स अपने साथ मोबाइल फोन लेकर आते हैैं, जबकि उन्हें प्रॉक्टर ऑफिस के पास बने काउंटर पर जमा कर देना चाहिए।

प्रतिभा सिंह, स्टूडेंट

स्टूडेंट्स के मोबाइल फोन जमा कराने के लिए प्राक्टर ऑफिस में काउंटर बनाया गया है, स्टूडेंट्स काउंटर पर जमा करें और टोकन प्राप्त करें। इसको लेकर नोटिस भी चस्पा किया गया है। लेकिन स्टूडेंट्स मानते नहीं हैैं, जबकि अब हर एक स्टूडेंट्स को काउंटर पर जमा करना अनिवार्य करा दिया गया है

- प्रो। सतीश पांडेय, चीफ प्राक्टर, डीडीयूजीयू