गोरखपुर (ब्यूरो)। इसमें सीनियर डॉक्टर्स को नामित किया गया है, जो ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग करेंगे, ताकि उन मरीजों को इलाज मिल सके।

शहर और ग्रामीण एरिया से लोग इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं। सुबह से ही पर्ची काउंटर पर पर्ची के लिए लंबी कतार लगनी शुरू हो जाती है। इसके बाद ओपीडी के बाहर लाइन में लगकर मरीजों को डॉक्टर्स से दिखाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इससे समस्या के समाधान के लिए हर डिपार्टमेंट की यूनिट बनाई गई है। मेडिसिन विभाग में डॉ। बीके सुमन, सर्जरी विभाग में डॉ। ओपी सिंह, आर्थो विभाग में डॉ। वीके तिवारी और स्कीन विभाग में डॉ। नवीन वर्मा को नामित किया गया है। ओपीडी और आईपीडी में आने वाले मरीजों की देखभाल के साथ बेहतर उपचार मुहैया कराएंगे।

आर्थो विभाग में दो ओपीडी शुरू

अस्पताल के आर्थो विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 200 से 250 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। एक ही कमरे में ओपीडी चलने से मरीजों को लंबी लाइन से जूझना पड़ता था। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने विभाग की दो ओपीडी बनाने का निर्णय लिया। अब कमरा नंबर 32 के साथ कमरा नंबर दो में भी आर्थो ओपीडी शुरू कर दी गई है। आर्थो विभाग में सात डॉक्टर हैं, जिनकी अलग-अलग दिन ओपीडी निर्धारित है।

आयुष्मान लाभार्थियों को मिलेगा लाभ

जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही सभी दवाएं फ्री दी जाएंगी। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि बहुत से मरीजों को जानकारी नहीं है कि आयुष्मान स्कीम का लाभ कैसे लिया जाए। मरीजों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। इससे मरीजों, डॉक्टर्स और अस्पताल प्रशासन को लाभ मिलेगा।

हर व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर व राशन कार्ड साथ लेकर चलना चाहिए। कहीं भी तबीयत खराब पर इसी के आधर पर पता किया जा सकेगा कि वह आयुष्मान स्कीम की लिस्ट में शामिल है या नहीं। जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू की गई है। इससे काफी हद तक स्कीम में शामिल लोगों को लाभ मिलेगा। इस बीच भर्ती 25 मरीजों को लाभ पहुंचाया गया है।

डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल