गोरखपुर (ब्यूरो)। फोरलेन हो या फिर खेल, टूरिज्म हो या फिर ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन हो या फिर मेडिकल फैसिलिटी सभी के लिए बजट में काफी कुछ है। इसके साथ ही प्रदेश के पहले गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य इसी साल पूरा करने के लिए सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही गोरखपुर में वेटनरी कॉलेज के लिए भी 100 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। सैनिक स्कूल, गोरखपुर-पिपराइच फोरलेन, बिजली डिपार्टमेंट को भी बजट में काफी कुछ मिला है। वहीं मेट्रो की रफ्तार के लिए आस लगाने वाले गोरखपुराइट्स को थोड़ी निराशा जरूर हाथ लगी है। इस बजट में इसके लिए कोई बजट नहीं जारी किया गया है। वैसे ओवरऑल इस बजट से गोरखपुर का डेवलपमेंट नई उचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है।

पिपराइच-फोरलेन को मिले 942 करोड़

गोरखपुर-पिपराइच फोरलेन की राह अब आसान होगी। 19.485 किमी लंबे इस फोरलेन मार्ग के लिए सोमवार को 942.44 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने करीब पांच महीने पहले सितंबर, 2023 में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर भेज दिया था। जल्द ही फंड के साथ ही टेंडर भी जारी हो जाने की उम्मीद है, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह मार्ग गोरखपुर- महराजगंज-निचलौल मार्ग (राज्य मार्ग संख्या-24) के असुरन चौराहे से निकलकर पिपराइच हाटा के किमी संख्या एक में मिलता है। साथ ही दोनों प्रमुख मार्गों के यातायात घनत्व को नियंत्रित करता है। दोनों मार्गों पर यातायात डाइवर्ट करने का एक प्रमुख मार्ग होने के कारण इसपर यातायात घनत्व काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से इसे फोरलेन करने की जरूरत महसूस की गई। असुरन-पिपराइच फोरलेन करीब 20.5 मीटर चौड़ा होगा। बीच में ढाई मीटर का डिवाइडर होगा। दोनों तरफ 9-9 मीटर की सड़क होगी। 19.48 किमी लंबी इस सड़क को चौड़ा कर फोरलेन बनाने के लिए पहले 1046 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया गया था, मगर व्यय समिति ने इसमें संशोधन कर 942.44 करोड़ रुपये कर दिया है। इनमें 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि फोरलेन मार्ग के लिए अधिगृहीत की जाने वाली जमीन के मुआवजे पर खर्च होगी।

संसाधनों से लैस होंगे खिलाड़ी

खेल अवस्थापनाओं के विकास के लिए 195 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। इससे खिलाडिय़ों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होंगे, वहीं अंतरराष्ट्रीय मानक पर होने वाले रीजनल स्टेडियम के जीर्णोंद्धार को भी गति मिलेगी। बजट में खेल अवस्थापनाओं के विकास के लिए धन प्रस्तावित होने से पूरे स्टेडियम की सूरत बदल जाएगी। इसके तहत जहां ओङ्क्षलपिक साइज के 50 मीटर का तरणताल और चार सौ मीटर का ङ्क्षसथेटिक रङ्क्षनग ट्रैक बनेगा, वहीं 65/27 मीटर का एक मल्टीपर्पज हाल बनेगा। जिसमें हैंडबाल, बास्केटबाल, टेबल टेनिस, बैडङ्क्षमटन के साथ ही हाकी आदि इंडोर गेम हो सकेंगे। बच्चों के लिए 12/12 का एक टोडलर पुल, बाङ्क्षक्सग व वेट लिङ्क्षफ्टग हाल, आरएसओ कार्यालय तथा पवेलियन में 50 व्यक्तियों के बैठने के लिए कांफ्रेंस हाल का भी निर्माण होगा। लोगों के टहलने के लिए स्टेडियम के चारों तरफ नौ मीटर फुटपाथ की तर्ज पर चौड़ी सड़क भी बनेगी। जीर्णोंद्धार कार्य में बनने वाले पवेलियन में जहां दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, वहीं एक मल्टीपर्पज हाल भी बनेगा। जिसमें हाकी, हैंडबाल, बास्केटबाल, टेबल टेनिस व बैडङ्क्षमटन आदि इंडोर गेम हो सकेंगे।

सैनिक स्कूल में अब इसी सत्र से शुरू हो सकेगी पढ़ाई

सैनिक स्कूल के संचालन के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रविधान कर इस सत्र से पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इस बजट से जहां अवशेष कार्य जल्द पूरे होंगे, वहीं इसी स्कूल संचालन की दिशा में भी तेजी से कार्य होगा। वर्तमान समय में सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं। जो भी काम शेष हैं, उन्हें इसी फरवरी माह में पूरा करने के निर्देश सीएम गत माह यहां निरीक्षण करने के दौरान दे चुके हैं। सैनिक स्कूल के लिए प्रस्तावित बजट से जो प्रमुख कार्य होने हैं, उसमें फर्नीचर, लाइब्रेरी, लैब, सिक्योरिटी, मेस, स्पोर्ट तथा कंप्यूटर आदि की व्यवस्था शामिल है। बता दें कि सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास सीएम योगी ने 23 जुलाई 2021 को किया था। इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा छह से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी।

गोरखपुर लाइट मेट्रो के लिए अभी और करना होगा इंतजार

प्रदेश सरकार की ओर से सोमवार को प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में गोरखपुर लाइट मेट्रो रेल परियोजना का जिक्र नहीं है। पिछले बजट में गोरखपुर सहित अन्य शहरों में मेट्रो परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि जब तक काम शुरू नहीं हो जाता, नया बजट मिलना मुश्किल है। आगरा व कानपुर में पहले से काम जारी है, इसलिए वहां बजट आवंटित किया गया है। गोरखपुर लाइट मेट्रो का डीपीआर प्रदेश सरकार ने पास कर दिया है। इसे केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। केंद्र सरकार की सार्वजनिक निवेश बोर्ड से भी इसे स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिस विदेशी बैंक से बात की गई थी, उसकी प्रतिनिधि ने पिछले वर्ष गोरखपुर का दौरा भी किया था। बैंक की प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से मुलाकात भी की थी। प्रशासन के पास अभी तक गोरखपुर लाइट मेट्रो परियोजना के लिए कोई अपडेट नहीं है। पिछले बजट में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 585 करोड़ रुपये जबकि आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 465 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे।

गोरखपुर रीजन के बेड़े में शामिल होंगी रोडवेज की 50 और नई बसें

गोरखपुर रीजन के बेड़े में रोडवेज की 50 और नई बसों के शामिल होने की संभावना बन गई है। गोरखपुर सहित प्रदेश के सभी रीजन को मार्च से अप्रैल तक 350 नई बसें मिल जाएंगी। यूपी के बजट में योगी सरकार ने यात्रा को सुगम और सुलभ बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। बजट में कहा गया है कि रक्षा बंधन पर्व पर वर्ष 2017 से 2023 तक प्रदेश में 1.03 करोड़ महिलाओं ने फ्री यात्रा सुनिश्चित की है। गोरखपुर रीजन में वर्ष 2023 में ही 1 लाख 36 हजार महिलाओं ने फ्री यात्रा की है। बजट के अनुसार प्रदेश में महिलाओं के लिए 50 पिंक बसें चलाई जा रही हैं। महिलाओं के लिए गोरखपुर रीजन में भी छह पिंक बसें हैं।

इसी साल आयुष यूनिवर्सिटी को चालू कराने का लक्ष्य

भटहट में प्रदेश की पहली आयुष यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। 50 एकड़ में 300 करोड़ रुपए की लागत से यूनिवर्सिटी तैयार हो रही है। आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। निर्माणाधीन इस यूनिवर्सिटी से प्रदेश भर के सभी आयुष कॉलेज संबद्ध कर दिए गए हैं। नये बजट सत्र में वर्ष 2024 तक निर्माण कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य है।

निर्बाध बिजली के लिए 33 परसेंट ज्यादा बजट

गर्मी में निर्बाध बिजली के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले 33 प्रतिशत ज्यादा बजट दिए जा रहे हैं। बिजली निगम गर्मी की तैयारी में जुटा हुआ है। सौ करोड़ रुपये से पूरे जिले में बिजली व्यवस्था में सुधार के कार्य कराए जा रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में 66 करोड़, ग्रामीण क्षेत्र में 20 करोड़ और अन्य मदों में 12 करोड़ रुपये से ज्यादा से ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, जर्जर तार व पोल बदलने, एरियल बंच कंडक्टर लगाने समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। बजट में निजी नलकूप स्थापित करने वाले किसानों को रियायती दर पर बिजली देने के लिए अतिरिक्त रुपये की व्यवस्था होने से किसानों में खुशी है। जिले में 4658 निजी नलकूप हैं।

बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का एक आर्थिक दस्तावेज है। बजट में समाज के हर तबके के लिए बहुत कुछ प्रावधान किया गया है। इसमें देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए जो प्रयास हुआ है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव करने के लिए जिस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई है वह अभिनंदनीय है। यह बहुत महत्वपूर्ण और व्यवहारिक बजट है।

रवि किशन शुक्ला, सांसद

उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने वाला बजट है। इंफ्रास्ट्रक्चर को और सुदृढ़ बनाने के साथ प्रदेश को 2017 से देश की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी स्थापित करने की दिशा में लिए जा रहे कदमों को और मजबूत करने वाला बजट है। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज कुम्भ के लिए बजट में दिल खोल कर आवंटन किया गया है।

महेंद्र सिंह, राजनीतिक विश्लेषक

यूपी बजट केंद्र सरकार के बजट की ही तरह पूंजीपतियों के फायदे के लिए प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश में गरीबों और बेरोजगारी दूर करने के लिए इस बजट में कोई योजना नहीं है। कृषि और कृषकों के लिए कोई बजट नहीं है। शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।

विजय श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष आम आदमी पार्टी

यूपी बजट में चुनावी हित ज्यादा, जनहित एवं जनकल्याण का कम है। यूपी सरकार सर्वसमाज के हित, विकास व कानून व्यवस्था के संबंध में जितने भी दावे और वादे बजट में करती है, उसका सही से अनुपालन नहीं करती है।

ऋषि कपूर, जिलाध्यक्ष, बसपा

बजट में गोरखपुर के लिए काफी कुछ मिला है। इससे इसके डेवलपमेंट में और गति मिलेगी। बजट से सभी वर्ग के लोग लाभान्वित होंगे।

अमित सिंह, गीता वाटिका

यूपी बजट बहुत ही अच्छा है। गोरखपुर के लिए काफी कुछ मिला है। यह बजट गोरखपुर को और आगे ले जाएगा। गोरखपुराइट्स के लिए सोमवार का दिन काफी खुशियों वाला रहा।

मनोज कुमार गुप्त, समाजसेवी