गोरखपुर (ब्यूरो)। एम्स गोरखपुर में डायलिसिस यूनिट लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। प्राइवेट कंपनी नेफ्र ोप्लस ने 5 मशीन एम्स पहुंच गई हैं। 24 फरवरी तक 20 मशीन लगने के बाद डायलिसिस शुरू करा दी जाएगी। आयुष्मान कार्ड होल्डर और केंद्र सरकार हेल्थ स्कीम के लाभार्थियों का डायलिसिस फ्री होगा।

नेफ्रोप्लस से हुआ है करार

एम्स गोरखपुर और प्राइवेट कंपनी नेफ्रोप्लस के साथ पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट सेवा शुरू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया था, ताकि मरीजों को कम दर पर डायलिसिस सेवा प्रदान किया जा सके। इसके लिए एम्स प्रशासन काफी दिनों सें नेफ्रोलाजिस्ट की तैनाती के प्रयास हो रहे थे। नेफ्रोलाजिस्ट की ज्वाइन कराने के लिए विज्ञापन भी जारी किया गया। एम्स प्रशासन ने अपने री सोर्सेज से भी नेफ्र ोलाजिस्ट से बात की लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। ईडी प्रो। डॉ। गोपाल कृष्ण पाल ने कार्यभार ग्रहण करते समय ही घोषणा कर दी थी कि ब्लड बैंक और डायलिसिस यूनिट की स्थापना उनकी सर्बोच्च प्राथमिकता में है।

यह रहेंगे मौजूद

डायलिसिस के लिए नेफ्र ोप्लस तीन नेफ्र ोलाजिस्ट की तैनाती करेगा। इसके अलावा डायटिशियन, तकनीशियन और अन्य समेत 20 कर्मचारी मौजूद रहेंगे। मरीजों की डायलिसिस के साथ ही उन्हें खानपान के बारे में भी बताया जाएगा। नेफ्र ोप्लस जर्मनी निर्मित मशीन लगा रहा है।

एम्स में जल्द शुरू होगा ब्लड बैंक

एम्स कैंपस में ब्लड बैंक की भी जल्द शुरुआत हो जाएगी। जांच के बार लाइसेंस जारी हो गया है। जल्द ही लाइसेंस एम्स प्रशासन को मिल जाएगा। इसके बाद एम्स में ब्लड बैंक भी शुरू हो जाएगा। इससे एम्स में भर्ती मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर नहीं करना पड़ेगा।