गोरखपुर (ब्यूरो)। ट्रैक पर ट्रेनिंग के बाद सेमुलेटर पर भी अभ्यास कराया जाएगा। एक माह के ट्रेनिंग के बाद कुशल ड्राइवर तैयार होंगे। डीटीआई में 40 टॉवर खड़े कर दिए हैं। लाइन और सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य जारी है। आधुनिक उपकरण लगाने के साथ ड्राइविंग टेस्ट टैक पर आधुनिक कैमरा लग रहा है। कैमरा वाहन चलाने में कहां-कहां गलती हुई। इसकी फोटो समेत जानकारी भी उपलब्ध कराएगा। सफलता पूर्वक वाहन चलाने के बाद कैमरा पास कर देगा और ड्राइविंग लाइसेेंस बनाने के लिए कंपनी के पास भेज देगा। कैमरा से फेल कर दिए जाने पर कोई भी पास नहीं कर सकता है। आवेदक को दोबारा आवेदन करना होगा और टेस्ट ड्राइविंग देना होगा।

मारुति को जिम्मा

शासन ने डीटीआई को संचालित करने और ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी मारुति कंपनी को सौंपी है। कंपनी की देखरेख में उपकरण लगने शुरू हो गए हैं। सीसी कैमरे और सेंसर के लिए टेस्ट ट्रैक पर 40 टॉवर लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। भवन के भूतल पर प्रयोगशाला होगी। हल्के एवं भारी वाहनों के अभ्यास के लिए दो कंप्यूटर कक्ष होंगे। प्रथम तल पर सेंटर हेड कक्ष, सर्विलांस कक्ष, सभागार, अभ्यर्थियों के लिए क्लास रूम और 100 लोगों के लिए ऑडिटोरियम होगा। दूर-दराज के अभ्यर्थियों के लिए हॉस्टल की सुविधा मिलेगी। ट्रेनिंग के अलावा ठहरने, नाश्ता और भोजन के लिए न्यूनतम फीस निर्धारित होगा।

आरआई करेंगे निगरानी

डीटीआई में कोई भी व्यक्ति ट्रेनिंग प्राप्त कर अपना लाइसेंस बनवा सकता है। ट्रेनिंग के लिए न्यूनतम एक माह की अवधि निर्धारित है। ट्रेनिंग के साथ ट्रैफिक के नियमों की समुचित जानकारी भी दी जाएगी। निगरानी के लिए आरआई तैनात होंगे। उनकी देखरेख में ही ट्रेनिंग के बाद ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

489.56 लाख का डीटीआई

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बाहर के अभ्यर्थियों का टेस्ट भी कैमरे की निगरानी में ही होगा। डीटीआई में प्रतिदिन 50 से 60 अभ्यर्थी टेस्ट देने पहुंचते हैं। पूर्वांचल के युवाओं को कुशल ड्राइवर बनाने व मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से शासन ने 489.56 लाख रुपये खर्च कर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कराया है। 15 अक्टूबर, 2020 को निर्माण कार्य पूरा हो गया था। जुलाई 2021 से ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कार्य शुरू हैं।

प्रतिदिन बनते हैं ड्राइविंग लाइसेंस

120-130 लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस

60-65-परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस

50-60-ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्युअल

शासन स्तर पर शहीद बंधु सिंह ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को संचालित करने के लिए मारुति कंपनी नामित कर दी गई है। आधुनिक उपकरण आदि लगाने के कार्य शुरू हैं। उपकरण लगने के बाद ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी। ट्रेनिंग हासिल करना और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और आसान हो जाएगा।

अरुण कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी- गोरखपुर