गोरखपुर (ब्यूरो)। जो लगातार जारी है। ऐसे में नगर निगम की सीमा अंतर्गत सभी लोग अगर टैक्स जमा करें तो शहर की सूरत और तेजी से बदल सकती है। साथ ही बजट की कमी भी खत्म हो जाएगी। ये बातें दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र ने कही। वह दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के चल रहे अभियान 'टॉचर्र है टैक्सÓ पर अपनी बातें शेयर कीं। कहा कि जीआईएस सर्वे से घबराने की जरूरत नहीं है। संपत्ति के हिसाब से टैक्स में मामूली बढ़ोतरी हो रही है। पेश है अपर नगर आयुक्त से बातचीत का प्रमुख अंश

कितने गोरखपुराइट्स टैक्स दे रहे हैं, उनके लिए क्या सहूलियत

नगर निगम में फिलहाल 1.50 मकानों से टैक्स की प्रक्रिया है। इसमें अधिकांश लोगों से बार-बार टैक्स भरने की अपील की जा रही है। 41 करोड़ आवासीय व 21 करोड़ रुपये कामर्शियल टैक्स बकाया है। इसके लिए वार्डों में कैंप लगाकर टैक्स जमा कराया जा रहा है। टैक्स जमा करने के लिए ऑनलाइन भी व्यवस्था है। अगर कोई कैंप व नगर निगम आने में असमर्थ है तो वह घर बैठे ही टैक्स जमा कर सकता है। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 28 करोड़ रुपये टैक्स जमा हो सका है। अपील है कि लोग समय से टैक्स जमा करें ताकि शहर नई ऊंचाइयों को छू सके।

पब्लिक को टैक्स कोई छूट

अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 31 जनवरी तक टैक्स जमा करने वालों के लिए काफी समय से छूट दी जा रही है। यह छूट 10 प्रतिशत तक है। टैक्स ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो मोड में जमा करने की व्यवस्था है। नगर निगम सीमा में रहने वाले लोगों के घरों पर कर्मचारी भी जाकर टैक्स जमा करने की अपील कर रहे हैं। हालांकि पहले की तुलना में लोग अवेयर हुए हैं और टैक्स जमा कर रहे हैं।

पब्लिक और गर्वमेंट सेक्टर कब भरेंगे टैक्स

पब्लिक और गर्वमेंट सेक्टर से लगातार वार्ता चल रही है। उनका अपना बजट है, बजट रिलीज होने पर संपूर्ण भुगतान का आश्वासन दे रहे हैं। पब्लिक और गर्वमेंट सेक्टर को नोटिस भी दिया गया है। टैक्स भरने के लिए किसी के साथ जबरदस्ती करना गलत होगा, हालांकि चेतावनी दी जा रही है। अगर इसके बाद भी टैक्स नहीं भरा गया तो सील की कार्रवाई की जा सकती है।

जीआईएस सर्वे से पब्लिक डरी?

देखिए, जीआईएस सर्वे कोई हौव्वा नहीं है। वह मकान और जमीन के आधार पर लगने वाला टैक्स है। पहले लोग जमीन और मकान की वास्तविक स्थिति छुपाकर कम टैक्स देते रहे। जीआईएस सर्वे में सबकुछ सही पता लग रहा है। इससे उनका कुछ टैक्स बढ़ रहा है। कुछ लोग ही इसे गलत बता रहे हैं। अभी तक जितने लोग जीआईएस सर्वे से बढ़े हुए दायरे के टैक्स में आए हैं, उनमें से 50 प्रतिशत ने भुगतान कर दिया है। जीआईएस सर्वे से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सर्वे में सहयोग देकर सही टैक्स के दायरे में आने की जरूरत है। नगर निगम के पास टैक्स आएगा तो शहर और चमकने लगेगा।

टैक्स की रकम से क्या करता है निगम

नगर निगम टैक्स के पैसे से शहर के विकास में लगाता है। इसके साथ ही वार्डों में जो भी मूलभूत समस्याएं हैं, उसे दूर कराता है। नगर निगम के काफी खर्चे हैं, इसमें कर्मचारियों की सैलरी भी शामिल है। सब कुछ सही तरीके से चले इसके लिए पब्लिक से बार-बार टैक्स जमा करने की अपील की जाती है।

जहां शत प्रतिशत टैक्स जमा वहां विकास नहीं?

ट्विटर के जरिए मोगलहा के रहने वाले चंद्रभूषण त्रिपाठी के प्रश्न 'हमारी कॉलोनी से शत प्रतिशत टैक्स जमा हो रहा लेकिन सड़क नाली नहीं बन रहीÓ के जवाब में अपर नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम 80 वार्डों के विकास का खाका तैयार करता है। सभी वार्डों को एक नजर से देखता है। टैक्स की रकम सभी वार्डों में लगाई जाती है। सड़क, नाली अगर कहीं नहीं बनी तो वह प्रक्रिया का हिस्सा है। सभी जगह विकास हो रहा है, मोगलहा में भी सड़क नाली जल्द बन जाएगी।