गोरखपुर (ब्यूरो)। वर्ष 1985 के बाद बीआरडी में डॉ। गणेश सबसे लंबे समय तक प्रिंसिपल रहें। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के सीनियर शिक्षक व एनेस्थीसिया के एचओडी डॉ। सुनील आर्या को चार्ज सौंप दिया। डॉ। आर्या इससे पूर्व वर्ष 2015 में भी कार्यवाहक प्रिंसिपल रह चुके हैं।

बीआरडी को दी नई सूरत

डॉ। गणेश कुमार ने 22 दिसंबर 2017 को बीआरडी के प्रिंसिपल का चार्ज लिया था। उनका तबादला आजमगढ़ मेडिकल कालेज से हुआ था। उनका कार्यकाल चुनौतीपूर्ण रहा। अगस्त 2017 में हुए ऑक्सीजन त्रासदी के कारण मेडिकल कॉलेज और प्रदेश सरकार की छवि को बट्टा लगा था। कार्यभार ग्रहण करने के एक महीने के अंदर ही प्रिंसिपल कार्यालय में आग लग गई। जिसमें महत्वपूर्ण फाइलें जल गई। शिक्षकों व कर्मचारियों के बीच टशन चल रही थी। डॉ। गणेश ने मेडिकल कॉलेज को नई पहचान दी। उनके कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज में करीब 800 बेड बढ़े। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक व बाल रोग चिकित्सा संस्थान शुरू कराया। बीआरडी में अब तक 30 शिक्षक प्राचार्य हो चुके हैं। इसमें कालेज के पहले प्रिंसिपल डॉ। पीएल शुक्ला का कार्यकाल करीब 13 वर्ष का था। इसके बाद सबसे लंबा कार्यकाल डॉ। गणेश कुमार का रहा।

शिक्षक और कर्मचारियों ने दी विदाई

बुधवार को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन रहा। मेडिकल कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों ने उन्हें विदाई दी। नए जीवन की शुभकामनाएं दी। इस दौरान कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ सुनील आर्या, उपप्राचार्य डॉ महिम मित्तल, डॉ भूपेंद्र शर्मा, डॉ अश्वनी मिश्रा, डॉ एएन शुक्ला, डॉ राजकुमार, डॉ मनोज यादव, डॉ अशोक यादव, डॉ राम कुमार जायसवाल व डॉ कंचन श्रीवास्तव मौजूद रहीं।

मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञों ने किया लैब का निरीक्षण

बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब का विशेषज्ञों ने बुधवार को निरीक्षण किया। लखनऊ से आई टीम ने कल्चर एंड ड्रग सेंसटिविटी टेङ्क्षस्टग लैब का गैप एनालिसिस (अंतर विश्लेषण) किया, ताकि कमियों को दूर किया जा सके। हाल ही में इस लैब को इंटरमीडिएट रेफरेंस लेबोरेट्री (आईआरएल) का दर्जा मिला है। इस लैब को और बेहतर किया जा सके, इसके लिए टीम इसकी कमियां ढूंढकर उसे दूर करेगी।

टीम में आईआरएल माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ। विजय, डब्लूएचओ कंसलटेंट डॉ। नीतू व डॉ। दीपक चतुर्वेदी शामिल हैं। इस अवसर पर माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ। अमरेश कुमार ङ्क्षसह, नरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह, आलोक कुमार, धर्मेंद्र, विवेक, रागिनी, शाइस्ता, सुनीता उपस्थित थीं।