गोरखपुर (ब्यूरो)। कई स्टूडेंट्स ने अब घर से पानी लाना भी शुरू कर दिया है। हालांकि यह सबके लिए संभव नहीं हो पा रहा है। इससे उनको बाहर से पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। स्टूडेंट्स की माने तो कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन, आट्र्स फैकल्टी, समाजशास्त्र, साइंस डिपार्टमेंट में पानी की प्राब्लम की शिकायत पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया। इसमें स्थिति काफी बदहाल दिखी।

5 हजार से अधिक स्टूडेंट

स्टूडेंट्स ने बताया कि फीस लेने के बाद भी स्टूडेंट्स को सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। यूनिवर्सिटी में वर्तमान में 5000 से ज़्यादा स्टूडेंट्स पढऩे आते हैं। वाटर कूलर लगा तो है लेकिन अधिकतर खराब पड़े हैं। वाटर प्वाइंट की टोटियां टूट चुकी हैं, आसपास गंदगी फैली हुई है लेकिन उसे देखने वाला कोई जिम्मेदार नहीं है।

दीक्षा भवन

दीक्षा भवन में जाने पर वहां टोटियों के तीन प्वाइंट थे, जो खराब थे। आसपास पानी एकत्र था और गंदगी से बदबू थी। देखने से लग रहा था कि साफ सफाई नहीं होती है। यहां वाटर कूलर देखने को नहीं मिला। यहां मिले स्टूडेंट्स ने बताया कि सात से आठ घंटे डिपार्टमेंट में रहते हैं। अगर घर से पानी न लाया जाए तो प्यासे ही रहना पड़ जाएगा। कुछ अन्य स्टूडेंट्स ने बताया कि अगर घर से पानी लाना भूल गए तो बाहर से खरीदना पड़ता है। शिकायत का भी कोई असर नहीं हो रहा है।

समाजशास्त्र भवन

समाजशास्त्र भवन में जाने पर वाटर प्वाइंट के आसपास गंदगी मिली। वाटर कूलर खराब पड़ा था। टोटियां टूटी हुई थीं। आरओ मशीन सिर्फ दिखावे के लिए थी। उसके तार टूटे हुए थे। उसमें बिजली का कनेक्शन भी नहीं था। स्टूडेंट्स ने बताया कि पानी घर से लाते हैं। भूल जाने पर बाहर से मजबूरी में खरीदना पड़ता है। कई बार शिकायत की गई लेकिन किसी ने नहीं सुना। अब गर्मी बढ़ रही है, प्यास ज्यादा लगती है।

कला संकाय

पूरी बिल्डिंग में सिर्फ एक जगह वाटर प्वाइंट दिखा। वह भी पूरी तरह से खराब था। यहां मिले स्टूडेंट्स ने बताया कि पानी घर से या फिर बाहर से खरीदकर लाते हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी एडमिशन के समय फीस में केाई रियायत नहीं देता है लेकिन सुविधाएं देने के समय मुंह फेर लेता है। शिकायत पर शिकायत स्टूडेंट्स ने की है लेकिन कुछ नहीं हुआ। स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को समझते हुए गर्मी में पानी की व्यवस्था की जाए।

वाटर प्वाइंट पर इतनी स्मैल आती है कि वहां जाते ही नहीं है। घर से ही पानी ले आते हैं और वही पीते हैं। अभी तो ठीक है पर गर्मी और बढऩे पर जब पानी की अधिक जरूरत होगी तो प्राब्लम बढ़ती जाएगी। क्योकि घर से लाया हुआ पानी भी खत्म हो जाता है।

-ख़ुशी, बीए

यूनिवर्सिटी का पानी अगर मजबूरन पी लिया जाए तो तबियत खराब होने की आशंका हो जाती है। पानी पीने की बात छोडिय़े मुंह धुलने का भी मन नहीं होता है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों को गर्मी में पानी की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए।

-आंचल त्रिपाठी, बीएससी

कॉपी और किताब की तरह घर से पानी भी ले आते हैं। खत्म होने पर कैंटीन से पानी लेना पड़ता है। लगभग 20-30 रुपये पानी के लिए अलग से खर्च करने पड़ते हैं। यूनिवर्सिटी में पानी की व्यवस्था के लिए कई बार शिकायत की है लेकिन अभी तक समस्या का निस्तारण नहीं किया गया।

- अभिषेक यादव, बीए

फीस लेने के बाद भी पीने योग्य पानी की व्यवस्था नहीं है। कई बार कंप्लेन किया है लेकिन कोई सुनता ही नहीं। हम सभी लोग अपने 7-8 घंटे यूनिवर्सिटी में रहते हैं अगर पीने को पानी नहीं मिले तो पढ़ाई पर ध्यान कैसे दें।

- प्रदीप भगत, बीए

स्टूडेंट्स के मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व शिक्षकों को निर्देशित किया गया है। कैंपस में जितने जगह शुद्ध पेयजल की टैप लगाए गए हैैं। उनकी मरम्मत कराकर वहां पर पानी सुचारु रुप से मुहैया कराया जाएगा।

प्रो। पूनम टंडन, वीसी