गोरखपुर (ब्यूरो)। आनन-फानन में एनेस्थिसिया के डॉक्टर्स ने ट्रेकियोस्टोमी (गले में सांस की नली को काटकर पाइप लगा बाहर से सांस देने की प्रक्रिया) की और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देना शुरू किया, लेकिन बुजुर्ग को बचाया नहीं जा सका। परिजनों का आरोप है कि ओपीडी में आक्सीजन मिल जाती तो मौत नहीं होती। दोपहर में शव लेकर परिजन घर चले गए।

बेतिया के चमबलिया निवासी 65 वर्षीय गोबरी राम को 15 दिन पहले दांत में दर्द हुआ था। दर्द की दवा खाने से आराम हो गया। पिछले चार दिन से उन्हें गले में दर्द होने लगा था। भांजे हरिकिशुन के साथ वह शुक्रवार सुबह पांच बजे एम्स पहुंचे। पर्चा बनवाने के बाद वह ईएनटी की ओपीडी में पहुंचे। यहां उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। पंखुड़ी मित्तल को दिखाना था। भांजे का आरोप है कि नौ बजे के बाद डॉक्टर ने मरीज देखना शुरू किया। मामा का चौथा नंबर था। उनकी हालत बिगडऩे लगी तो वह ओपीडी में जल्द दिखाने के लिए अनुरोध करते रहे लेकिन किसी ने नहीं देखा। बाद में नंबर आया तो मामा को लेकर ओपीडी के अंदर पहुंचा। यहां गले में फोड़ा होने के कारण पस भरने की जानकारी दी गई। पाइप के माध्यम से पस निकाला जाने लगा तो हालत और बिगड़ गई। उस समय ऑक्सीजन की व्यवस्था भी नहीं हो पाई। थोड़ी देर बाद डॉक्टर्स ने मौत की जानकारी दी। एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ। अरूप मोहंती ने बताया कि सुबह 9:15 बजे मरीज को ईएनटी की ओपीडी में देखा गया। उनके गले में पस और सांस लेने में दिक्कत थी। ऑक्सीजन का स्तर भी बहुत कम था। एनेस्थीसिया के डॉक्टर्स की मदद से ट्रेकियोस्टोमी कर सीपीआर दिया गया। डॉक्टर्स ने जान बचाने की बहुत कोशिश की। सुबह 10:40 बजे मौत हो गई। न इलाज में देर हुई और न ही लापरवाही। जो भी आरोप लगाए जा रहे गलत हैं।

अब हेल्थ वेलनेस सेंटर में होंगी पैथोलॉजी जांचें

हेल्थ फैसिलिटी को बेहतर बनाने के लिए यूपी बजट में सीएम ने घोषणा की थी कि बल्ड जांच की सुविधा मरीजों को नजदीकी अस्पतालों में मुहैया कराई जाए। लिहाजा हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर पर जांचों की सुविधा शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के सिटी में 38 हेल्थ वेलनेस सेंटर हैं। जहां संविदा और आउट सोर्सिंग पर डॉक्टर्स की तैनाती है। इसके अलावा 13 पीएचसी और 21 सीएचसी हैं। जहां लोग इलाज करा सकते हैं। वर्तमान में हेल्थ वेलनेस सेंटर में डॉक्टर्स की परामर्श व मेडिसिन के अलावा और कोई सुविधा नहीं थीं। जल्द ही यहां पैथोलॉजी की सुविधा भी मिलने लगेगी।

38 हेल्थ वेलनेस सेंटर खोल गए सिटी में

13 पीएचसी संचालित है जिले में

21 सीएचसी में भी मिल रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं

14 से ज्यादा ब्लड की जांचें हो जाएंगी वेलनेस सेंटर पर

सिटी के हेल्थ वेलनेस सेंटर पर जांच की सुविधा शुरू करा दी गई है। घर के नजदीक मरीज ब्लड की जांचें करा सकते हैं.

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ