गोरखपुर (ब्यूरो)। लेकिन सच तो यह है कि महिलाओं से भर्ती, इमरजेंसी, पैथालॉजी में जांच, ऑपरेशन थियेटर से लेकर बेड तक के लिए वसूली की जा रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज के अटेंडेंट खुद इसकी कहानी बयां कर रहे हैं। साथ ही इसकी शिकायत महिला अस्पताल के एसआईसी से भी की गई है। चारों तरफ लूट मची हुई है, फिर भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।

आशा ले भागी 3 हजार

गोरखपुर जिले के कोतवाली एरिया की रहने वाली अनिता गुप्ता का आरोप है कि मेरी भाभी को डिलेवरी होना है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। ऑपरेशन होने के बाद उन्हें इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद उनकी ड्रेसिंग हुआ। स्टाफ नर्स ने बताया कि ऊपर की लेयर खुल गई है। आरोप है कि एक आशा तीन हजार रुपए लेकर भाग गई। वहीं, बच्चा देने के लिए स्टाफ ने एक हजार रुपए ले लिए। आशा के आने का इंतजार करती रही लेकिन नहीं आई। हमारे घर की हालत थी नहीं हैं। किसी तरफ से पैसा की व्यवस्था कर आई थी, लेकिन अस्पताल में हर चीज का पैसा लग रहा है।

ऑपरेशन के बाद टूट जा रहा टाका

बताया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन किया जा रहा है। ड्रेसिंग के बाद अचानक टाका टूट जा रहा है। इसकी वजह से मरीज की प्रॉब्लम बढ़ गई है। आरोप है कि स्टाफ से कहने पर वह इसका फायदा उठा रहे हैं। जिम्मेदार अफसरों से लिखित शिकायत भी कई गई, लेकिन वह सबूत मांग रहे हैं और कार्रवाई का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ दे रहे हैं।

मिठाई खाने के लिए पैसा मांगा जा रहा है। मरीज का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। चादर तक नहीं बदली जाती है। शिकायत करने पर कोई सुनावाई नहीं होती है।

प्रमिला यादव, सिटी

चार हजार रुपए ऑपरेशन के नाम पर लिए गए। बच्चा मांगने स्टाफ कहतीं हैं कि एक हजार रुपए देंगे तभी बच्चा दिया जाएगा।

रणधीर सिंह, तारामंडल

मेरी भाभी 29 तारीख को भर्ती हुई। ऑपरेशन से उन्हें बच्चा हुआ। डे्रसिंग के दौरान बताया गया कि ऊपर का लेयर खुल गया है। इसके बाद एक आशा पहुंची और तीन हजार रुपए लेकर गायब हो गई।

अनिता गुप्ता, कोतवाली

एक गंभीर प्रकरण है, आरोप हैं निश्चित रूप से जीरो टारलेंस नीति पर हमला है। उचित साक्ष्य मिलने पर आशा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

किसी को कोई पैसा नहीं देना है कोई मांग तो इसकी शिकायत करें। सबूत मिलने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहले ही 13 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

- डॉ। जय कुमार, एसआईसी महिला अस्पताल