गोरखपुर (ब्यूरो)। जिसके बाद संजय ने उसे डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने बच्चे मोबाइल नहीं देने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब बच्चा मोबाइल चलाएगा तो उसकी आंखें खराब हो जाएंगी और उसे चश्मा लगाना पड़ेगा। इसके बाद संजय ने बेटे का ध्यान मोबाइल से हटाने के लिए उसका एडमिशन रीजनल स्पोट्र्स स्टेडियम में करा दिया। अब वह जिम्नास्टिक सीख रहा है। राघव को भी इसमें मजा आने लगा है और उसने मोबाइल से दूरी बना ली है। सिर्फ राघव ही नहीं तमाम ऐसे बच्चे हैं जिनपर मोबाइल फोन का दुष्प्रभाव पडऩे लगा था, जिसके बाद उनके पैरेंट्स ने उनका ध्यान मोबाइल से हटाने के लिए आउटडोर गेम्स में लगवाया है।

स्टेडियम में उमड़ रही बच्चों की भीड़

स्कूलों में समर वेकेशन शुरू होने के बाद सिटी के सभी स्टेडियम बच्चों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रीजनल स्पोट्र्स स्टेडियम फुल हो चुका है। सुबह और शाम पैरेंट्स बच्चों को लेकर स्टेडियम पहुंच रहे हैं। कई गेम्स में सीटें फुल हो चुकी हैं। रेलवे क्रिकेट ग्राउंड पर भी अचानक से क्रिकेटरों की बाढ़ सी आ गई है। बड़ी संख्या में बच्चे अपने बच्चों को लेकर यहां पहुंच रहे हैं। यहां लक्ष्य क्रिकेट एकेडमी की ओर से बच्चों को क्रिकेट की कोचिंग दी जा रही है। सैयद मोदी ग्राउंड पर भी सुबह और शाम खिलाड़ी जमकर पसीना बहा रहे हैं। समर वेकेशन के कारण यहां भी पहुंचने वाले खिलाडिय़ों की संख्या में वृद्धि हुई है।

ज्यादा मोबाइल देखने से आंखों पर इसका सीधा असर पड़ता है। करीब से मोबाइल देखने के कारण दूर की रोशनी कमजोर हो जाती है। बच्चों में इस तरह की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।

डॉ। अमित मित्तल, आई स्पेशलिस्ट

इन दिनों में बच्चों के केस ज्यादा आ रहे हैं। पैरेंट्स बताते हैं कि उनके बच्चे मोबाइल ज्यादा देखते हैं। इससे उनके आंखों में पानी गिरने के साथ ही कई तरह की दिक्कतें आ जाती हैं। बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह दी जा रही है।

डॉ। आशुतोष शंकर, आई स्पेशलिस्ट

मेरा बच्चा मोबाइल बहुत चलाता था, इससे उसकी आंखों में दिक्कत हो रही थी, बच्चे का ध्यान मोबाइल से हटाने के लिए उसका एडमिशन क्रिकेट में कराया हूं।

अविनाश कुमार, पैरेंट्स

मेरी बेटी मोबाइल पर खूब रील देखती थी, कुछ बोलने पर वह नाराज हो जाती थी। ऐसे में उसे मोबाइल से दूर करने के लिए उसका एडमिशन जिम्नास्टिक में कराई हूं।

स्वाति वर्मा, पैरेंट्स