गोरखपुर (अनुराग पांडेय).महिला थाना स्थित फैमिली काउंसिलिंग सेंटर पर इधर कई ऐसे मामले आएं हैं, जिनके रिश्ते की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हुई। वे अब एक दूसरे से अलग रहना चाहते हैं।

48 जोड़ों ने लिया अलग रहने का फैसला

महिला थाना स्थित फैमिली काउंसिलिंग सेंटर टूटते परिवार को जोडऩे का काम करता है। यहां पर परिवार से जुड़े केस आने पर पति पत्नी दोनों की काउंसिलिंग कर उनके झगड़े निपटा कर उन्हें एक बार फिर साथ रहने के लिए प्रेरित करता है। यहां नौ माह यानी 3 अप्रैल से 7 नवंबर के बीच 48 ऐसे मामले आए हैं, जिसमे काउंसिलिंग के बाद भी जोड़ों ने एक साथ रहने पर सहमत न होकर अलग रहने का फैसला लिया है।

161 जोड़े ने एक साथ रहने का लिया फैसला

इसी तरह नौ माह में फैमिली काउंसिलिंग सेंटर में अब तक 423 प्रार्थना पत्र आए। जिसमे 161 जोड़े की काउंसिलिंग के बाद एक बार फिर साथ रहने के लिए तैयार हो गए। प्रभारी भूपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि पारिवारिक न्यायालय में 202 मुकदमा चल रहा है। जबकि इधर 48 और पारिवारिक मुकदमों को पारिवारिक न्यायालय में भेजा गया है।

केस 1

दो साल में टूट गया परिवार

शाहपुर इलाके के एक युवक की सोशल मीडिया के जरिए एक लड़की से दोस्ती हुई। चैटिंग के जरिए दोनों की रोज बातें होती थी। बाद में दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि वे साथ रहने का फैसला कर लिए। दोनों ने किसी तरह परिवार को मनाकर शादी कर ली। दो साल तो सबकुछ ठीक चला। इसके बाद दोनों में बात-बात में झगड़ा होने लगा। इसके बाद युवक ने अलग होने का फैसला कर लिया। युवती ने भी अलग रहने में ही भलाई बताई। दोनों की काउंसिलिंग भी हुई लेकिन कोई रिजल्ट नहीं निकला।

केस - 2

पूरे दिन बातें करते थे अब देखना भी पंसद नहीं

नौसड़ इलाके की एक लड़की ने कोर्ट में अर्जी देकर तलाक की गुहार लगाई है। उसका आरोप है कि जिस लड़के से उसने शादी की है, वो अब पहले जैसा बिहेव नहीं करता है। इनकी काउंसिलिंग कर दोनों को एक साथ रहने के लिए काफी प्रयास किया गया, लेकिन वे अब एक मिनट भी साथ रहना नहीं चाहते हैं। काउंसिलिंग में पता चला कि दोनों की सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती हुई थी।

फैमिली काउंसिलिंग सेंटर में आए मामले

अधिकारी द्वारा प्राप्त प्रार्थन पत्र- 281

सीधे प्राप्त हुए प्रार्थना पत्र- 83

जनता दर्शन से आया प्रार्थना पत्र- 01

आईजीआरएस द्वारा प्राप्त प्रार्थना पत्र- 54

नौ माह में आए टोटल प्रार्थना पत्र- 423

सुलह कराए गए केसेज- 161

केस का निस्तारण- 412

पेडिंग है केस-11

सोशल मीडिया पर हुई शादियां कम ही दिनों में टूट जाती हैं। कई मामले ऐसे आए जिसमे फेसबुक और वॉट्सएप से दोस्ती हुई थी। अधिकतर 2 से 8 साल एक साथ रह चुके जोड़े अलग होना चाह रहे हैं। हम लोगों का प्रयास होता है कि परिवार टूटने से बचाया जा सके।

- भूपेन्द्र मिश्रा, प्रभारी, फैमिली काउंसिलिंग सेंटर