गोरखपुर (ब्यूरो)।सीएमओ आफिस के नर्सिंग होम-हास्पिटल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में पिछले कई वर्षों से चल रहे रजिस्ट्रेशन के खेल में अब तक कौन-कौन से एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ, बाबू और कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती रही। इन पर भी कार्र्रवाई के बादल मंडराने लगे हैैं।

कठघरे में एसीएमओ, बाबू व कंप्यूटर ऑपरेटर

दरअसल, सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे की तरफ से जिन 153 डॉक्टर्स की लिस्ट जारी की गई है। वह उनके यहां तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा बनाई गई है। जबकि नर्सिंग होम में प्रैक्टिस से पहले डाक्टर को अपने सारे डाक्यूमेंट्स में पहली बार रजिस्ट्रेशन के लिए स्वयं सीएमओ दफ्तर में उपस्थित होना पड़ता है। उसके बाद अगर वह दूसरे हास्पिटल को प्रैक्टिस के लिए चुनता है तो दूसरी जगह के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत उसे गुजरना होता है। लेकिन पहली जगह वाले हास्पिटल से नाम हटाकर दूसरी जगह दर्ज करने की जिम्मेदारी सीएमओ आफिस में तैनात एसीएमओ व बाबू और कंप्यूटर ऑपरेटर की है, लेकिन तत्कालीन एसीएमओ रहे डॉ। एनके पांडेय, बाबू अजीत व कंप्यूटर ऑपरेटर संजय मल्ल के उदासीन रवैये के कारण सूची डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन की लिस्ट अपडेट नहीं की गई। सीएमओ दफ्तर में इस बात की भी चर्चा है कि सबसे ज्यादा नर्सिंग होम, हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन तत्कालीन एसीएमओ डॉ। एनके पांडेय के कार्यकाल में किया गया। अब जब प्राइवेट डाक्टर्स अपने नाम को कई हास्पिटल में दर्ज होते देख सीएमओ के सामने पहुंच रहे हैैं तो सभी की एक ही समस्या है कि जब सीएमओ दफ्तर से ही रजिस्ट्रेशन हो रहे हैैं तो फिर उनके नाम के आगे हास्पिटल का नाम क्यों नहीं हटाया गया। डॉ। प्रशांत कुमार सिंह ने बताया, उनका नाम शानवी हास्पिटल एंड मेटरनिटी में दिखाया जा रहा है। जबकि वह 2021 में ही एफिडेविट दे चुके हैैं। नाम भी रिमूव करा दिया था। जिस अंशी हास्पिटल की बात की जा रही है। वह मौके पर आज की डेट में है नहीं। इस बात की जानकारी वह सीएमओ आफिस में फिर से दे चुके हैैं।

खेल की बात आई सामने

सीएमओ आफिस में बनाए गए नर्सिंग होम-हास्पिटल रजिस्ट्रेशन कक्ष में तैनात कर्मचारी व कंप्यूटर ऑपरेटर पर सीएमओ ने जांच सेटअप कर दी है। वहीं इस वक्त नर्सिंग होम और हास्पिटल रजिस्ट्रेशन का कार्य देख रहे डिप्टी सीएमओ डॉ। अनिल कुमार सिंह ने भी नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन में हुए खेल के जांच की बात कही है। वे बताते हैैं कि यह सारे रजिस्ट्रेशन उनके कार्यकाल से पहले के हैैं। इसलिए सभी कर्मचारी व कंप्यूटर ऑपरेटर भी जांच के दायरे में हैैं।

हॉस्पिटल में 4-6 डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन मामले की जांच जारी है। इस खेल में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच चल रही है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर