गोरखपुर (ब्यूरो)। इसलिए यह अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट कहा जाएगा। इस बजट से गोरखपुराइट्स को काफी उम्मीदें हैं। किसी को स्वास्थ्य और शिक्षा, बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, रोजगार की उम्मीद है, तो किसी को उम्मीद है कि आयकर में नकद लेनदेन सरकार 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दे। व्यापारियों को सस्ता लोन और 80 सीसी में छूट भी मिले। सिटी के डॉक्टर, बिजनेसमैन, एजुकेशनिष्ट, समाजशास्त्री, हाउसवाइफ, यूथ और आम नागरिक को इस बजट ढेर सारी उम्मीदें हैं।

उम्मीद है कि बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर और ध्यान केंद्रित किया जाएगा। डिजिटल शिक्षा के लिए आवश्यक ट्रेनिंग तथा बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढऩे की उम्मीद है। चुनावी बजट में रोजगार के अवसर पैदा करने के उपायों की घोषणा भी होने की उम्मीद है। रोजगार सृजन के संभावित क्षेत्रों मैन्युफैक्चरिंग, बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स पर फोकस होने की उम्मीद है। इसके साथ ही मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में खास कर नई टैक्स व्यवस्था में कुछ राहत की उम्मीद है। बढ़ती जीवन लागत को एडजस्ट करने के लिए इनकम टैक्स रीबेट की सीमा को बढ़ाने और टैक्स स्लैब में एडजस्टमेंट की आशा है। रेलवे की प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह पर स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही आम जनता को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाने की उम्मीद है। अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने तथा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की घोषणाएं संभव है।

- महेंद्र सिंह, राजनीतिक विश्लेषक

आयकर विभाग के नियम के अनुसार नकद लेनदेन केवल दस हजार है। इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जाना चाहिए। 80 सीसी में छूट को और बढ़ाया जाए। जीएसटी द्वारा टैक्स पेय प्रणाली को सरल बनाया जाए, क्योंकि इसका मूल कारण अभी भी लोगों को इसके नियम पूरी तरह समझ में नहीं आते। मध्यम वर्ग के व्यापारियों और आम नागरिकों के आवास के लिए कम ब्याज पर लोन की सुविधा मिले।

अनूप अग्रवाल, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ ट्रेडर्स

यह बजट चुनावी होगा। इस बजट सरकार से काफी उम्मीदें नहीं किया जा सकता है। बजट में सरकार मेडिकल इक्विपमेंट में टैक्स कम करना चाहिए। इलाज और भी सस्ता हो। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के उपायों की घोषणा सरकार को करना चाहिए। इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में उम्मीद की जा सकती है। टैक्स में नई टैक्स व्यवस्था में कुछ राहत की उम्मीद है।

डॉ। विजाहत करीम, सीनियर सर्जन

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट से ढेरों संभावनाएं लेकर आएगा, उम्मीद है आम आदमी से लेकर महिलाओं के उत्थान, शिक्षा, सुरक्षा, रेल, स्वास्थ्य से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। वहीं उद्योग जगत को भी काफी उम्मीदें हैं। सरकार के प्रयास से जहां उद्योग नीति के सरल होने से दुनिया भर के उद्यमियों ने भारत की तरफ बड़ी उम्मीदों से देखा है। वहीं आने वाले वक्त में इथेनॉल निर्माण देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।

विनय कुमार सिंह, इंडस्ट्रिलिस्ट

सोने-चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटनी चाहिए। सरकार ने इम्पोर्ट ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दी है। जिसके चलते सोने और चांदी के रेट में इजाफा हो रहा है। जीएसटी पेमेंट सिस्टम ठीक किया जाए। सोने व्यापारियों को लिए सरकार विशेष पैकेज देना चाहिए। कोरोना में जिन सोने व्यापारी की दुकानें बंद हो गईं। वो दोबारा खोल सकें। टैक्स में सरकार छूट दे।

गणेश वर्मा, अध्यक्ष-सराफ मंडल

सीए अर्चना त्रिपाठी, अध्यक्ष सीए एसोसिएशन

बजट में शिक्षा को बढ़ावा मिले, जिससे हम युवाओं को बेरोजगार घूमना न पड़े। सरकार हर क्षेत्र में विकास करने के साथ शिक्षा पर भी अपना ध्यान केंद्रित करे।

संदीप यादव, बीए इकोनॉमिक्स

शिक्षा विभाग की विसंगतियों पर रोक लगाई जाए। बजट में शिक्षा विभाग को प्राथमिकता मिले, क्योंकि हम शिक्षित होंगे तो ही विकसित होंगे और उम्मीद है कि ये बजट हमारी उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

बंदना सिंह, एम.कॉम