गोरखपुर (ब्यूरो)। आवेदन के बाद वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी शैक्षणिक उत्कृष्टता में नई ऊंचाइयां हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। नैक से ए प्लस-प्लस ग्रेड हासिल करने के बाद यूनिवर्सिटी एनआईआरएफ में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए आशान्वित है। वीसी ने यूनिवर्सिटी द्वारा अकादमिक उत्कृष्टता के लिए निरंतर उठाये गए कदमों एवं सफलताओं का श्रेय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किए गए निरंतर मार्गदर्शन को दिया है।
2023 में नहीं किया था आवेदन
यूनिवर्सिटी ने 2023 एनआईआरएफ के लिए आवेदन नहीं किया था। पांच सितंबर 2023 में पदभार संभालने के बाद वीसी प्रो। पूनम ने रैंङ्क्षकग सेल की स्थापना की। सेल के प्रयास से यूनिवर्सिटी ने सीमैगो इंस्टीट््यूशंस रैंङ्क्षकग में समग्रता में 190वीं रैंक हासिल की और भारत के 268 उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अपना स्थान बनाया। इसके अलावा क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंङ्क्षकग : दक्षिणी एशिया-2024 में यूनिवर्सिटी को 258 रैंक हासिल हुई। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंङ्क्षकग में एशिया के 856 यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जिनमें 280 दक्षिणी एशिया से हैं। एनआईआरएफ रैंङ्क्षकग के लिए यूनिवर्सिटी में बनाई गई कोर कमेटी ने शिक्षण, प्रशिक्षण और संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक आउटकम, आउटरीच और समावेशिता और परसेप्शन के मानक पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है क्योंकि एनआईआरएफ इन्हीं मापदंडों पर उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करता है।
रैंङ्क्षकग में पहले यह रही है गोरखपुर यूनिवर्सिटी की स्थिति
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से एनआईआरएफ रैंङ्क्षकग जारी करने की शुरुआत 2015 में हुई थी। गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने सबसे पहले 2017 में इसमें भागीदारी की थी। तब इसे टाप-200 में स्थान मिला था। उसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर से चार वर्ष तक आवेदन नहीं किया गया। 2022 में आवेदन हुआ लेकिन रैंङ्क्षकग सूची में स्थान बनाने में सफलता नहीं मिल सकी। 2023 में नैक से ए प्लस-प्लस हासिल होने के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन एनआईआरएफ में आवेदन की हिम्मत नहीं जुटा सका।