गोरखपुऱ (ब्यूरो)। एम्स गोरखपुर में छात्रा से यौन उत्पीडऩ के मामले में विशाखा कमेटी की रिपोर्ट में आरोपी वरिष्ठ अधिकारी की करतूत सामने आ रहीि है। रिपोर्ट में यह तो पुष्ट हो चुका है कि छात्रा का यौन उत्पीडऩ प्रशासनिक अफसर के केबिन में ही हुआ था। आरोपी प्रशासनिक अफसर के केबिन का दरवाजा शीशे का था, उसने शीशे पर अंदर से पेपर लगा दिया था कि किसी को उसके इस घिनौने करतूत के बारे में पता न चल सके। एम्स प्रशासन को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कमरे की जांच की और दरवाजे में लगा पेपर को हटवाया दिया। कार्यकारी निदेशक ने रिपोर्ट से एम्स की गवर्निंग बॉडी को अवगत कराया। साथ ही मामले में हुई अब तक की कार्रवाई की जानकारी दी।

एक ही गलियारे में केबिन

प्रशासनिक भवन के एक ही गलियारे में निदेशक और आरोपी अधिकारी का केबिन है। दोनों केबिन के बीच चंद कदमों की दूरी है। आरोपी ने केबिन के दरवाजे पर अंदर से पेपर लगा दिया था, ताकि इस रास्ते कोई भी गुजरे इसकी जानकारी ना हो सके। इसी केबिन में आरोपी ने घटना को अंजाम दिया। जांच में यह भी बात सामने आई है कि घटना कार्यालय परिसर में हुई है, इसलिए एम्स प्रशासन ने आरोपी अधिकारी के प्रतिनियुक्ति को निरस्त कर दिया। साथ ही प्रतिनियुक्ति को समाप्त करते हुए उनके मूल विभाग को पूरे घटनाक्रम से लिखित रूप से अवगत भी कराया जा चुका है। बाद में होने वाली कानूनी कार्रवाई की भी जानकारी मूल विभाग को भेजी जाएगी।

गार्डों ने बताई पीड़ा
गार्डों ने बताई पीड़ाविशाखा कमेटी के सामने दो महिला सुरक्षा गार्डो ने भी अपनी पीड़ा सुनाई। इनका कहना था कि वे पहले भी प्रभारी महिला गार्ड से शिकायत कर चुकी थीं, लेकिन कोई उनकी सुनता ही नहीं था। गार्ड के सुपरवाइजर ने भी लिखित बयान दिया कि आरोपी अधिकारी ही महिला गार्डो की ड्यूटी लगाते थे। गार्डो ने बताया कि पूर्व निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर के कार्यकाल में आरोपी अधिकारी बेहद प्रभावशाली था। उस पर तत्कालीन निदेशक भरोसा करती थीं। इसका फायदा आरोपी अधिकारी ने उठाया।

निगल ली थी नींद की गोलियां

उत्पीडऩे के बावजूद पीडि़त छात्रा शिकायत करने से हिचक रही थी। उसने 17 दिसंबर को भी नींद की कई गोलियां निगल ली थी। एम्स में इसकी चर्चा होती रही कि अगर पिछले कार्यकारी निदेशक ने इस शिकायतों पर कार्रवाई की होती तो परिसर में किसी के साथ उत्पीडऩ करने की हिम्मत नहीं होती।

आरोपी ताला बंद कर फरार

प्रशासनिक पद पर तैनात आरोपी अधिकारी को जब एम्स से हटाए जाने की खबर मिली। वह तत्काल घर पर ताला बंद कर फरार हो गया। बताया यह भी जा रहा है कि उसने कुछ जरूरत दस्तावेज भी अपने साथ लेते गया है।

एम्स की बढ़ाई गई निगरानी

एम्स में एमबीबीएस छात्रा से यौन उत्पीडऩ मामला सामने आने के बाद परिसर में सुरक्षा निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही गार्डो को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि परिसर में आने जाने वालों को नजर रखी जाए। इतना ही नहीं एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है।