गोरखपुर (ब्यूरो)। नार्मल कैंपस में खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी में यूथ भी पहुंच रहे हैं। यहां खादी, सिल्क, और मटका वस्त्र गोरखपुराइट्स के आकर्षण का केंद्र बने हैं और लोग खूब शॉपिंग भी कर रहे हैं।

40 से अधिक स्टॉल

नार्मल स्कूल के ग्राउंड में लगी प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के 40 से अधिक स्टॉल्स लगे हैं। मेले में साधारण उत्पाद नहीं हैं, उन्हें मशीन ने नहीं, हाथों ने बनाया है। इन उत्पादों से हमारा हुनर झांक रहा है। आंवला से बने व्यंजन, शहद, लीची और आम का जूस, लेडीज बैग और लकड़ी से बने आकर्षक आइटम्स इस प्रदर्शनी की जान हैं।

डिफरेंट रेंज में कपड़े

खादी ग्रामोद्योग मेला में वेस्ट कोट या सदरी की डिमांड अधिक है। मेले में रुड़की हरिद्वार से आए अंकुर ने बताया, उन्होंने विभिन्न प्रकार के कपड़ों के स्टॉल लगाए हैं। लोग वेस्ट कोट पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया, वेस्ट कोट की कीमत 750 से लेकर 1575 रुपए तक है और इसकी बिक्री भी अच्छी हो रही है। अंकुर ने बताया कि उनके स्टॉल पर वेस्ट कोट, कोट 1000 रुपए से लेकर 2800 रुपए में और मफलर 100 से 250 रुपए में अवेलबल है।

खादी कॉटन और शिफॉन

चंदौली, वाराणसी से आये मोहम्मद शफ़ीक ने बताया, वह यहां मेले में पहली बार आए हैं और गोरखपुराइट्स द्वारा शिफ़ॉन के कपड़ों की ज्यादा मांग हो रही है और लोग कुर्ता-पैजामा के लिए कपड़ा खरीद रहे हैं। सबसे कम मूल्य वाला खादी कॉटन 250 रुपए प्रति मीटर है। जबकि सबसे महंगा ऊनी खादी का कपड़ा 1560 रुपए प्रति मीटर है। पटना से आए संजय कुमार गुप्ता आचार की बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने बताया, उनके पास ज्यादा डिमांड मिक्स आचार की है, जिसे 240 रुपए प्रति किलो ग्राहकों को बेचा जा रहा है।

डिफरेंट टाइप के शॉल

अनंतनाग, कश्मीर से आए व्यापारी मुदस्सिर ने बताया, वे यहां पर कई साल से खादी मेला में अपने प्रोडक्ट लेकर आ रहे हैं, हर बार उन्हें यहां के लोगों का काफी अच्छा रिस्पांस मिलता है। उनके पास कई तरह के शॉल 500 रुपए से लेकर 35 हज़ार रुपए और वूलेन सूट 550 रुपए से लेकर 10 हज़ार रुपए तक उपलब्ध हैं।

पसंद है खादी मेला

जीआईसी के प्रिंसिपल चंदन कुमार पांडेय ने बताया, उन्हें यहां खादी से बने शर्ट और पैंट बहुत ही अच्छे लग रहे हैं और सबसे ज़्यादा उन्हें हाथ से बना हुआ अचार लुभा रहा है।

देवरिया से आए दीपांशु पांडेय ने बताया, उन्हें मफ़लर पहनने का शौक़ है और उन्हें मेले में कई तरीक़े के डिज़ाइन वाले मफ़लर देखने को मिल रहे हैं।