गोरखपुर (ब्यूरो)। वॉटर एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीते साल 15 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया था। 12 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस जलयान से जीडीए को पर्यटन बढ़ावा के साथ-साथ अच्छे राजस्व की भी उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी तरह से फ्लॉप हो चुकी है। नतीजा प्राधिकरण अब इसका टेंडर निरस्त करने की तैयारी कर रहा है। पड़ताल करती रिपोर्ट।
जीडीए को एक रूपये का नहीं मिला राजस्व
क्रूज का संचालन शुरू हुए करीब 6 महीने से अधिक समय हो चुका है लेकिन आज तक जीडीए को एक रूपए का राजस्व नहीं मिला है। 3 लाख की बेस प्राइज से शुरू हुए लेक क्वीन के टेंडर में सबसे अधिक बोली लगाने वाली फर्म मेसर्स राजकुमार रॉय को इसके संचालन की जिम्मेदारी मिली थी। लेकिन बीते महीनों में कंपनी एक बार भी जीडीए का राजस्व भुगतान नहीं कर पाई है। इसको लेकर प्राधिकरण ने जीडिए को 3 बार नोटिस भी जारी किया लेकिन हर बार कंपनी ने वित्तिय नुकसान का हवाला देते हुए राजस्व जमा करने के लिए और समय की मांग की। ऐसे में प्राधिकरण अब फर्म का टेंडर निरस्त करने की तैयारी में है।
150 लोगों की क्षमता लेकिन 10 से 15 लोग ही होते हैं सवार
लेक क्वीन क्रूज एक ट्रिप में 150 लोगों को रामगढ़ताल की सैर करा सकती है, लेकिन इस समय क्रूज की स्थिति यह है कि एक ट्रिप में औसतन 10 से 15 लोग ही सवार होते हैं। इससे क्रूज का संचालन कर रही निजी फर्म डीजल का खर्च तक नहीं निकाल पा रही।
1200 से 300 रूपये तक आया किराया
क्रूज से शहरवासियों की बेरुखी का आलम यह है कि इसकी सवारी करने वाले पर्यटकों को जहां प्रति व्यक्ति 1200 रूपये का भुगतान करना पड़ता था तो वहीं आज इसके टिकट का दाम 300 रूपये पर आ गया है। बावजूद इसके कोई क्रूज की सवारी नहीं करना चाह रहा।
स्टॉफ का किराया देना हो रहा मुश्किल
क्रूज का संचालन करने वाली फर्म मेसर्स राजकुमार रॉय के एमडी राजकुमार रॉय ने बताया कि इन दिनों क्रूज पर पर्यटकों की आवाजाही बेहद कम हो गई है। ऐसे में डीजल और क्रूज के संचालन में लगे स्टॉफ का खर्च निकालन भी मुश्किल हो गया है। इसी वजह से जीडीए का राजस्व भुगतान नहीं हो पा रहा है।
क्रूज का किराया आवश्यक्ता से ज्यादा है। इससे कम फेयर में स्पीड बोट की सवारी हो जा रही है, जबकि रोमांच भी उससे कहीं ज्यादा है। आवश्यक्ता से ज्यादा समय तक क्रूज प्लेटफार्म पर खड़ी रहती है।
-अदिती, पर्यटक
क्रूज में मिलने वाले खाने की क्वालिटी भी बेहद खराब है। यहां वादा तो फाइव स्टार जैसी सुविधाओं का किया जाता है लेकिन हकीकत में यह किसी थर्ड क्लास ढाबे जैसे लगता है। इसलिए क्रूज की जगह स्पीड बोट की सवारी ज्यादा बेहतर लगती है।
- निवेदिता, पर्यटक
क्रूज का संचालन करने वाली फर्म ने पर्यटकों की कमी का हवाला देते हुए राजस्व जमा करने में असमर्थता जताई है। जीडीए की ओर से फर्म को जल्द राजस्व जमा करने की चेतावनी दी गई है। अगर फर्म राजस्व नहीं जमा करती है तो उसका टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
- उदय प्रताप सिंह, सचिव जीडीए