गोरखपुर (ब्यूरो)।शस्त्र लाइसेंस के लिए नए आवेदक हो या फिर वरासत कराना हो तो पहले मेंटल फिटनेस जांच कराना अनिवार्य कर दिया गया है। मानसिक रूप से कमजोर लोगों को शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जा सकता, ऐसे में इसे जरूरी कर दिया गया है। शस्त्र लाइसेंस के आवेदन फॉर्म से फीस तक सब महंगी हो चुकी है। शस्त्र विभाग द्वारा जो आवेदन फार्म दिया जाएगा, उसमें मेडिकल रिपोर्ट के लिए दिए गए प्रारूप के बिंदुओं पर जांच करानी होगी। फिलहाल सिर्फ वरासत कराने वालों के लिए ही मेडिकल रिपोर्ट जमा कराई जा रही है।

दो से तीन बार देना है टेस्ट

गोरखपुर जिले में 22,321 शस्त्र लाइसेंस होडल्र्स हैैं। मेंटल फिटनेस जांच कर रहे मनोचिकित्सक डॉ। अमित शाही बताते हैं कि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए 45 मिनट का एक टेस्ट होता है। टेस्ट के लिए लोग जिला अस्पताल में आते हैैं। उन्हें 2 से 3 बार में यह टेस्ट पूरा करना होता है। टेस्ट के लिए सेट ऑफ क्वेश्चनायर है, जिसमें कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें व्यक्ति की सहनशीलता, पर्सनॉल्टी, कुंठा, गुस्सैल और भावनात्मक रूप से कैसा व्यवहार है, इसकी जांच की जाती है।

इस बिंदुओं पर होता है टेस्ट

- बाई पोलर डिसऑर्डर- इस डिसऑर्डर में रोगी भावनात्मक रूप से बीमार होता है। इसमें व्यक्ति पल भर में कोई फैसला ले लेता है।

- बॉर्डर लाइन पर्सनॉलिटी - इसमें व्यक्ति काफी गुस्सैल होता है और वह काफी होशियार भी होता है। वह बेहद प्लानिंग के साथ किसी वारदात को अंजाम देता है।

- मेजर डिप्रेशन - इस प्रकार के रोगी खुद को मारने से पहले अपने परिवार या बेहद करीबी को मारते हैं और इसके बाद खुद को मार लेते हैं।

- एंटी सोशल डिसऑर्डर - इसमें रोगी सोशल न होकर काफी अकेला रहना पसंद करता है। वह छोटी-छोटी बात पर इरीटेट हो जाता है।

केवल ये ही लोग कर सकेंगे आवेदन

- अपराध पीडि़त

- वरासतन

- व्यापारी व उद्यमी

- बैंक कर्मी व वित्तीय कर्मचारी

- ऐसी कर्मी जो प्रवर्तन कार्य करते हैं

- सैनिक, अर्धसैनिक व पुलिस बल

- विधायक, सांसद, व एमएलसी

- स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल निशानेबाज

शस्त्र लाइसेंस के नए आवेदन पर रोक है। लेकिन वरासत के लिए आने वाले आवेदक को आवेदन के लिए दौरान मेडिकल रिपोर्ट देना है। मेडिकल रिपोर्ट में मेंटल फिटनेस रिपोर्ट भी शामिल होती है। यह देना अनिवार्य है।

- कृष्णा करुणेश, डीएम