गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके अतिरिक्त भारी वाहनों का दबाव और जल्दबाजी के कारण हादसे ज्यादा हो रहे हैं और कुछ एरिया की सड़कें बार-बार लहूलुहान हो रही हैं।

1976 से संचालित है आरटीओ

गोरखपुर में 1976 में आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) की स्थापना हुई थी। गोरखपुर जिले में अब तक करीब 12,04,509 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसमें मल्टीएक्सेल ट्रक, ट्रक लारी, ई-व्हीकल, प्राइवेट बस, स्कूल बस, कामर्शियल वाहन, एंबुलेंस, टू व्हीलर, कार, जीप, वैन, ट्रैक्टर-ट्रॉली, टेलर आदि वाहन शामिल हैं। वहीं, प्रति महीने 500 से 800 वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है, जिनमें छह सौ वाहन टू व्हीलर और शेष में 25 की संख्या कार की एवं दस से पंद्रह संख्या में बस व ट्रकों के रजिस्ट्रेशन होते हैँ। इसके अलावा कृषि कार्य में प्रयोग होने वाले व अन्य कामर्शियल वाहन है।

8 लाख छोटे-बड़े कॉमर्शियल वाहन

वर्तमान में जिले में आठ लाख छोटे-बड़े व कामर्शियल वाहन हैं। इसके अलावा प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक वाहन सड़कों पर उतर रहे हैं। सड़कों पर वाहनों के दबाव के चलते व ट्रैफिक नियमों का पालन न करने के कारण सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है।

नेशनल हाइवे व मुख्य मार्ग पर होते हैं हादसे

देखा जाए तो अक्सर नेशनल हाइवे और मुख्य मार्ग पर सफर का जोखिम बढ़ गया है। रात के समय जोखिम और बढ़ जाता है। हाइवे पर चलने वाले वाहन ट्रक, ट्रेलर, फोर व्हीलर, और अन्य वाहन ड्राइवर की लापरवाही से दुर्घटना का शिकार बन रहे हैं। टीपीनगर, नौसड़, कालेसर, दाना पानी, बरगदवा, मोतीराम अड्डा आदि सड़कों के दोनों ओर वाहन का दबाव बढ़ा है। आलम यह है कि इन जगहों पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।

एक नजर में रजिस्टर्ड वाहन

2610 मल्टीएक्सल ट्रक

8667 ट्रक लारी

832 ट्रक

14501 ई-व्हीकल

198 निजी बस

602 रोडवेज बस

625 अनुबंधित बस

2158 स्कूली बस

3649 टैक्सी

24,757 कॉमर्शियल वाहन

353 एम्बुलेंस

10,38,527 टू व्हीलर

49,114 कार

27,831 जीप

105 वैन

29,275 ट्रैक्टर ट्रॉली

2010 टेलर

(नोट: आरटीओ के अनुसार जिले में कुल 12,04,509 वाहन हैं.)

आरटीओ में अब तक 12 लाख से अधिक गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। गाडिय़ों की लगातार बिक्री होने से सड़कों पर बोझ भी बढ़ रहा है। अक्सर अभियान में तहत गाडिय़ों को चेक किया जाता है। साथ ही जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।

वीके सिंह, आरटीओ प्रवर्तन

ये हैं प्रमुख ब्लैक स्पॉट

नौसढ़

कालेसर

दाना-पानी सहजनवां

भीटी रावत सहजनवां

कसरौल

कसिहार गहहाबीर मंदिर

मचचाहे कुटी

रावतगंज

फुटहवा ईनार

निबिहवा ढाला

चौमुखी कैंपियरगंज

ब्लैक स्पॉट पर हादसे की वजह

निबियहवा ढाला

निबियहवा ढाला मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा है। यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। इस मार्ग पर न तो ब्रेकर हैं और न ही सफेद पट्टी बनी है। कहीं भी सांकेतिक बोर्ड भी दिखाई पड़ा। दोनों तरफ से आने वाले वाहन की गति अधिक होने के कारण दुर्घटनाएं होती है।

फुटहवा इनार

फुटहवा इनार रोड पर गोरखपुर से देवरिया तक आने जाने वाली की संख्या अधिक होती है। इस मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक है। इसी का नतीजा है कि यहां पर ज्यादा तरह दुर्घटनाएं होती है।

दाना पानी

हाइवे से तेज गति से भारी वाहन नीचे उतरते हैं। भारी वाहन उतरने की जगह पर ही रोग क्रॉस करने का कट है। इसके कारण हादसे होते हैं।

कालेसर

गोरखपुर से लखनऊ की ओर जाने वाले वाहन एवं लखनऊ की तरफ से कुशीनगर एवं बिहार जाने वाले वाहन आपस में एक दूसरे को क्रॉस करते हैं। जल्दबाजी की वजह से दुर्घटना होती है।

भीटी रावत

गोरखपुर शहर से लखनऊ जाने वाले वाहन एवं सोनौली की तरफ से आने वाले भारी वाहन दोनों एक ही साइड में लेफ्ट लेन में लखनऊ जाने के लिए मिलते हैं। दोनों तरफ से आने वाले वाहन गति अधिक होने के कारण हादसे का शिकार होते हैं।

नौसढ़

नौसढ़ एरिया काफी भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र है। भारी वाहन का आवागमन अधिक रहता है। तेज रफ्तार और जल्दी निकलने की होड़ में हादसे होते हैं।