गोरखपुर (ब्यूरो)। इस बात का खुलासा किया है गोरखपुर पुलिस ने दरअसल, गोरखपुर पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों पूछताछ में पता चला है कि दोनों अभियुक्त कोतवाली थाना के पुर्दिलपुर निवासी संजय चौरसिया और सिद्धार्थनगर के खेसरहा थाना एरिया के कडज़ा निवासी अजय ठाकुर अवैध रुप से संचालित ऑनलाइन सट्टïा का काम करते हैैं। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि यह दोनों अवैध रूप से संचालित ऑलाइन सट्टा के जरिए लाइव कैसिनो, पोकर गेम, लूडो, फुटबाल गेम, आनलाइन तीन पत्ती, क्रिकेट, हॉकी और अन्य स्पोर्ट्स का संचालन करते हैं, इस गेम के जरिए ऑनलाइन सट्टा खेला जाता है। अभियुक्तों ने ऑनलाइन सट्टा पोर्टल से पैनल खरीदा था, जिनका वह ऑनलाइन संचालन किया करते थे। लेकिन इन ऑनलाइन सटोरियों को गोरखपुर पुलिस ने दबोच लिया है। एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने बताया कि जैमिनी अपार्टमेंट में लक्ष्मीना नाम की एक महिला झाड़ू पोछा करती थी। यही पर उसकी मुलाकात संजय से हो गई और उसने गरीबी की बात बताई तो उसने काली मंदिर के पीछे अपने आफिस पर बुलाया। वहीं पर उसने सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी और फिर लक्ष्मीना सहित 20 लोगों का बैंक में खाता खुलवा दिया।

म्यूचुअल बैक खाते से होता है पैसे का लेनदेन

पुलिस पुछताछ में दोनों जालसाज मुंबई में बैठे जालसाजों से अपनी नेटवर्किंग को मजबूत रखे हैैं। जो कैसिनों के जाल में फंसाकर लोगों से करोड़ोंं की ठगी करते हैैं। जालसाजों ने कई एप्प डेवलप किए है। इससे लोगों को ऑनलाइन रुपया जीतने का लालच देकर ठगी करते हैं। एप्प के जरिए बीट दी जाती है, इसके बदले रुपए लगाने होते हैं और फिर लोग अपना रुपया हार कर गाढ़ी कमाई गवां बैठते है। सबसे बड़ी बात यह कि बचने के लिए यह अपने खातों का इस्तेमाल न करके इसके लिए व्यक्तियों के खातों का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं अभियुक्तों ने कई सारे मनी म्यूल बैंक खाते खुलवाकर रेड्डी ऑलाइन सट्टा गेमिंग एप्प के माध्यम से पैसे का लेनेदेन करते थे।

एएसपी अंशिका वर्मा ने की थी जांच

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि घर में काम करने वाली मेड या फिर उनके रिश्तेदारों के नाम पर खाते खोले गए थे और इसके बदले में दस से पांच हजार रुपए भी दे रहे थे। सिटी में ऐसे ही संचालित हो रहे रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दो जालसाजों को अरेस्त तो कर लिया, लेकिन इनसे जुड़े अभी कई तार है। जिसे जल्द ही पुलिस बरामद करने का दावा भी कर रही है। हालांकि इन दोनों अभियुक्तों के पास से पुलिस ने बैंक के पांच पासबुक, दस मोबाइल, सात लैपटॉप, 11 लाख तीन हजार रुपए नगद बरामद किया है। लक्ष्मीना ने ही पुलिस आफिस में आकर शिकायत की थी। इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच एएसपी अंशिका वर्मा को सौंपी गई थी। जांच में पूरा मामला सामने आने के बाद दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है।

रेड्डी ऑलाइन सट्टा के जरिए होता है

- लाइव कैसिनो

- पोकर गेम

- लूडो

- फुटबाल गेम

- तीन पत्ती

- क्रिकेट

- हॉकी

- अन्य स्पोर्ट्स

क्या है मनी म्यूल

मनी म्यूल एक शब्द है जिसका इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया जाता है., जिसे लालच देकर बैंक के खाता खुलवाया जाता है। इस खाते का संचालन जालसाज खुद करते हैं। चोरी व अवैध धन को पहले इसी खाते में ट्रांसफर करते हैं, वहां से दूसरे खाते में भेजकर निकाल लेते हैं।

ऐसे ठगी करता है गिरोह

शेयर मार्केट में रुपए लगा कम समय में अमीर बनने का झांसा देने वाले रैकेट के सदस्य पहले वाट्सएप, टेलीग्राम व नार्मल मैसेज स्टाक्स खरीदवाते हैं। फिर लोगों का एक वाट्सएप ग्रुप बना उन्हें शेयर मार्केट की जानकारी देकर फर्जी ट्रेडिंग करते हैँ। अगर किसी ने रुपए लगा दिए तो शेयर बढऩे के आंकड़े दिखाए जाते हैं। झांसे में आकर लोग एप के जरिए जालसाज के कहे अनुसार निवेश करते हैं उसके रुपए गिरोह के सदस्यों द्वारा खुलवाए गए खाते में ट्रांसफर करके निकाल लेते हैं।

फ्रॉड से बचने के लिए रहें अलर्ट

-अवैध रूप से संचालित ऑनलाइन सट्टा पोर्टल पर यकीन न करें। इसमें दर्शाएं हुए वर्चुवल क्वाइन की निकासी संभव नहीं होती है। यह आपकी मेहनत की कमाई को नुकसान पहुंचा सकता है।

-बैंकों को भी सवधान रहने की जरूरत है। यदि इस तरह के कोई म्यूल खाते प्रकाश में आते है तो इस संबंध में संबंधित को तत्काल सूचना दें।

-बैंक कर्मचारी मात्र अपना टार्गेट पूरा करने के लिए बिना बेरीफिकेशन किए बैंक खाता न खोलें।

-आम जनता को यदि कोई सरकारी योजनाओं आदि के लिए बैंक में खाता खुलवाने के लिए कहता है तो उसकी पूरी जानकारी करने के उपरांत ही खाता खुलवाएं।

-बैंक से संबंधित अपने दस्तावेज एटीएम, पासबुक, चेकबुक आदि किसी अन्य को न दें।

-एटीएम पिन, ओटीपी, सीवीवी की जानकारी किसी से शेयर न करें।

एक महिला ने इस मामले में कंप्लेंट की थी, जो अपार्टमेंट के मालिक द्वारा खाते से लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। मामले में साइबर और क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया था। जांच में सामने आया कि यह रैकेट भोले भाले लोगों का खाता खुलवाकर ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं। पुलिस ने इस मामले में दो अभियुक्तों को अरेस्ट किया है। नेटवर्क के बारे में अभी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जाएगा।

डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर