गोरखपुर (ब्यूरो)। क्लास 10वीं में स्टूडेंट्स के पास पांच कोर सब्जेक्ट्स के अलावा एक इलेक्टिव सब्जेक्ट लेने का भी विकल्प होता है। अगर किसी लैंग्वेज सब्जेक्ट में कम नंबर हों, तो उस सब्जेक्ट के नंबर इलेक्टिव सब्जेक्ट के नंबर से बदले जा सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स का ओवरऑल अच्छा रिजल्ट मिलेगा।

नौवीं में होंगे 10 सब्जेक्ट

क्लास नौवीं में पांच कोर और एक इलेक्टिव सब्जेक्ट के अलावा स्टूडेंट्स के पास आर्ट एजुकेशन, वर्क एक्सपीरियंस और हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन जैसे तीन जरूरी सब्जेक्ट भी होंगे। ऐसे में क्लास नौवीं में स्टूडेंट्स के पास कुल 10 सब्जेक्ट होंगे। हालांकि, कोर और इलेक्टिव सब्जेक्ट्स के अलावा बाकी तीनों सब्जेक्ट के लिए बोर्ड की तरफ से एग्जाम नहीं होंगे। इन सब्जेक्ट के लिए स्कूल स्तर पर ही अससेसमेंट होगा।

इसी सेशन से होगा लागू

बोर्ड के सेकेंडरी स्कूल करिकुलम के अनुसार, क्लास नौवीं में विषय को मैथ, साइंस, सोशल साइंस जैसे कोर सब्जेक्ट और दो लैंग्वेज के अलावा तीसरा लैंग्वेज या स्किल आधारित इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनना होगा। ऐसे में नौवीं में स्टूडेंट्स के पास कुल छह सब्जेक्ट होंगे। ये नियम 2024-25 सेशन से ही लागू होगा।

स्किल सब्जेक्ट से बदले जा सकेंगे कोर सब्जेक्ट के नंबर्स

सीबीएसई के मुताबिक, अगर कोई स्टूडेंट क्लास 10वीं में साइंस, मैथ या सोशल साइंस में से किसी एक सब्जेक्ट में फेल हो जाता है और इलेक्टिव सब्जेक्ट में पास होता है, तो उस कोर सब्जेक्ट को स्किल या इलेक्टिव से बदलकर क्लास 10वीं की मार्कशीट तैयार की जाएगी। दोनों सब्जेक्ट के नंबर बदलकर नहीं लगाए जाएंगे, बल्कि साइंटिफिक तरीके से बदले जाएंगे।

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत सीबीएसई कई तरह के बदलाव कर रही है। इसके अंतर्गत अब नौवीं के इलेक्टिव सब्जेक्ट 10वीं में चेंज नहीं होंगे।

अजय शाही, चेयरमैन आरपीएम ग्रुप

सीबीएसई के इस नियम से स्टूडेंट्स को फायदा होगा। 10वीं के बोर्ड में स्टूडेंट्स के इलेक्टिव सब्जेक्ट के नंबर्स ओवरऑल मार्क में जुड़ जाएंगे।

राजीव गुप्ता, डायरेक्टर स्टेपिंग स्टोन स्कूल

सीबीएसई न्यू एजुकेशन पॉलिसी को तेजी से लागू कर रही है। ये पॉलिसी स्टूडेंट्स के लिए बेहतर है। इस नए नियम से स्टूडेंट्स अच्छे नंबर्स पा सकेंगे।

उषा बरतिया, प्रिंसिपल द पिलर्स स्कूल

सीबीएसई ने सेलेबस में कई चेंज किए हैं। इस सेशन से सीबीएसई में कई बदलाव किए गए हैं। इलेक्टिव सब्जेट चेंज नहीं होने से स्टूडेंट्स को फायदा पहुंचेगा।

सलील के श्रीवास्तव, प्रिंसिपल जेपी एजुकेशन स्कूल