गोरखपुर (ब्यूरो) निर्देश पर प्रयागराज पुलिस स्टूडेंट के घर पहुंची और बच्चे को समझाकर उसकी जान बचाई। बोर्ड एग्जाम शुरू होते ही यह पहला मामला सामने आया है। कहीं आपका बच्चा भी तो ऐसा कुछ नहीं सोच रहा, इसलिए बच्चे के करीब आइए, दोस्त बनकर उसके प्रेशर को बाहर निकालने में मदद करें।

रील्स देखने में बिजी रह गया बच्चा

रील बनाने और देखने का चस्का इन दिनों टीन एजर के सिर चढ़ कर छाया हुआ है। प्रयागराज में स्टूडेंट ने स्वीकार भी किया है कि उसने रील देखने में काफी समय बर्बाद कर दिया। अब एग्जाम में उसकी अच्छी प्रिपरेशन ना होने की वजह से उसे फेल हो जाने का डर सताने लगा। इसलिए उसने सुसाइड का प्लान बनाया था। कोई भी शहर हो वर्तमान समय में अधिकतर टीनेजर के हाथों में स्मार्टफोन मौजूद है। वह अपना सबसे अधिक समय सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और फेसबुक पर बीता रहे हैं।

साइकोलॉजिस्ट के पास आ रहे केस

साइकोलॉजिस्ट डॉ। आकृति पाण्डेय का कहना है कि उनके पास डेली ऐसे मामले आते हैं। पेरेंट्स बताते हैं कि टीचर्स कंप्लेन कर रहे हैं कि आपका बच्चा क्लास में पढ़ाई के दौरान कुछ सोचता रहता है, बाहर देखता है, कुछ पूछने पर गलत सही कुछ भी नहीं बता पाता है। पेरेंट्स बताते हैं कि घर पर उनका बच्चा ऐसा व्यवहार नहीं करता है। जब बच्चे की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि वह रील बनाता है, दिन भर उसके लाइक, कमेंट और व्यू बढ़ाने में परेशान रहता है। यही वजह है कि क्लास में अंजान बना रहता है और वह बाहर की दुनिया से धीरे-धीरे कटने लगता है।

बच्चों से ऐसा करें व्यवहार

। एग्जाम के टाइम फेल, पास या अधिक नंबर लाने का प्रेशर बच्चे पर कतई ना बनाएं।

। बच्चा अकेला रहना पंसद कर रहा है, परिवार के सदस्यों से कटा हुआ है तो सर्तक हो जाएं।

। बच्चा कौन-कौन सा सोशल मीडिया अकाउंट यूज कर रहा है, उसकी निगरानी रखें।

। बच्चे के स्टेटस और सोशल मीडिया पोस्ट पर ध्यान दें।

। बच्चे के हाथ में अधिक देर तक मोबाइल ना दें।

। बच्चे को घर से बाहर ले जाएं, उसे शहर की अच्छी जगहों से परिचित कराएं।

। किसी भी खिलाड़ी, हीरो या फेमस व्यक्ति की सक्सेज की कहानी बच्चों को सुनाएं या मोटिवेशनल फिल्में दिखाएं।

स्टैटिस्टिक -

। वल्र्ड में सबसे अधिक स्मार्ट फोन यूज करने वाला देशों में पहले पर चीन और भारत दूसरे स्थान पर

। भारत - 95 करोड़ स्मार्ट फोन यूज होते हैं

। स्मार्ट फोन से इंटर नेट यूज करने वालों की संख्या में भारत 1 नंबर पर है

। इंडिया में पैसा देकर ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या 9 करोड़

नोट: वल्र्ड स्टेटिक्स ऑर्गनाइजेशन के आकड़े

हाईलाइट्स

सीबीएसई बोर्ड एग्जाम दे रहे स्टूडेंट - 27922

आईसीएससीई बोर्ड एग्जाम दे रहे स्टूडेंट - 5000

यूपी बोर्ड एग्जाम दे रहे स्टूडेंट - 137692

बोर्ड एग्जाम के समय पेरेंट्स का अहम रोल होता है। वह बच्चे की हर गतिविधियों पर नजर रखे। साथ ही उसकी प्रॉब्लम को छू मंतर कर देने की बातें कर उसके अंदर विश्वास जगाए। तब बच्चे को लगेगा कि पैरेंट्स ही उसके असली दोस्त हैं जो हर परेशानी को समझते हैं, वह खुल कर बातें करने लगेगा।

- डॉ। आकृति पाण्डेय, साइकोलॉजिस्ट

साइबर सेल, साइबर अपराध थाना सोशल मीडिया की हर पोस्ट पर निगरानी रखता है। टीनेजर्स की सोशल मीडिया जो पोस्ट करते हैं, उससे पता लग जाता है कि वह क्या सोच रहे हैं। पेरेंट्स को भी यह सब देखना ही चाहिए। तब बच्चे बहकेंगे नहीं और गलत कदम भी नहीं उठा सकेंगे।

उपेन्द्र कुमार सिंह, एसआई, साइबर अपराध थाना

बच्चे मोबाइल पर बहुत अधिक डिपेंड होते जा रहे हैं। इससे उनकी सोचने की क्षमता कम हो रही है। बोर्ड एग्जाम के समय स्कूल में भी हर बच्चे की काउंसलिंग की जाती है, उन्हें अच्छा करने के लिए मोटिवेट किया जाता है। पैरेंट्स को भी ध्यान देना होगा।

उषा बरतारिया, प्रिंसिपल, द पिलर्स पब्लिक स्कूल