गोरखपुर (ब्यूरो)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय व मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दोनों अपने परिसर में इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन) में आवेदन के लिए टीम का गठन कर दिया है।

आइटीईपी नाम दिया गया

दोनों संस्थानों की कोशिश है कि सत्र 2025-26 से चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत कर दी जाए। एनसीटीई ने इस पाठ्यक्रम को आइटीईपी (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) नाम दिया है। इस पाठ्यक्रम की शुरुआत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में होने जा रही है। एनसीटीई ने इसके लिए बाकायदा मानक बनाया है। उस मानक पर दोनों विश्वविद्यालय खरे उतर रहे हैं। मानक पूरा होने में नैक से अच्छा ग्रेड मिलने की बड़ी भूमिका है। एनसीटीई द्वारा निर्धारित मानक 10 अंक है। इसमें गोरखपुर विश्वविद्यालय को ए प्लस-प्लस ग्रेड मिलने से एक साथ आठ अंक और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को ए ग्रेड मिलने पर एक साथ छह अंक प्राप्त हो जा रहे हैं। बाकी के चार अंक उन्हें 30 वर्ष से पुराने संस्थान होने की वजह से प्राप्त हो जा रहे हैं।

कालेजों को नहीं मिल सकेगा अवसर

चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने का अवसर गोरखपुर ही नहीं बल्कि बस्ती मंडल के किसी कालेज को नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह एनसीटीई का मानक है, जिसे कोई भी कालेज पूरा नहीं कर पा रहा। इसमें सबसे बड़ी बाधा नैक का मूल्यांकन है। ज्यादातर कालेजों ने तो नैक से मूल्यांकन कराया ही नहीं है, जिसने कराया भी है, उसे बी ग्र्रेड से ज्यादा हासिल नहीं हो सका है। ऐसे में कोई भी कालेज एनसीटीई के मानक 10 अंक तक पहुंच ही नहीं पा रहा।

क्या हैं मानक (इनमें 10 अंक पाने की है अनिवार्यता)

नैक में ग्रेड : ए प्लस-प्लस- 8 अंक, ए प्लस- 7 अंक, ए-6 अंक, बी प्लस- 5 अंक, बी-4 अंक

एनआइआरएफ : 100 रैंक तक- 4 अंक, 101 से 300 रैंक तक- 3 अंक, 301 से 500 रैंक तक- 2 अंक, 500 से कम- 1 अंक

संस्थान की आयु : 30 से अधिक साल- 4 अंक, 25 से अधिक साल- 3 अंक, 10 से अधिक साल-2 अंक, 10 से अधिक साल-1 अंक

एनसीटीई के शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान : 2 अंक

चार वर्षीय बीएड इस पाठ्यक्रम की गंभीरता को बढ़ाएगा। शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थी अपने लक्ष्य की ओर इंटरमीडिएट के बाद ही बढ़ सकेंगे। पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर एनसीटीई में आवेदन की टीम गठित कर दी गई है। कोशिश है कि सत्र 2025-26 से अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय से इस पाठ्यक्रम में अध्ययन का अवसर मिल जाए।

प्रो। पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयूजीयू

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में तकनीकी शिक्षा के बड़े-बड़े संस्थान चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को अपना रहे हैं। हमने भी अपने विश्वविद्यालय में इसे शुरू करने की योजना बनाई है। इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। बहुत जल्द एनसीटीई में आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। स्वीकृति मिलते ही पाठ्यक्रम को शुरू किया जाएगा।

प्रो। जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी