गोरखपुर (ब्यूरो)।सितंबर माह में एफआईआर के मामले में केवल 19.3 परसेंट लोगों ने अपनी संतुष्टि दर्ज कराई थी। जबकि अक्टूबर में 69.3 परसेंट लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली से खुश होकर एफआईआर के मामलों में संतुष्टि दर्ज कराई है।

इस बार बढ़ गई रेटिंग

अगस्त में पब्लिक अप्रुवल रेंटिग 55.55, सितंबर में 55.85 और अक्टूबर में 66.27 हो गई। इस तरह सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में 10.42 परसेंट की प्रोग्रेस हुई। कहीं ना कहीं इस सिस्टम के शुरू होने से पुलिस अब हर मामले में पहले से कहीं अधिक गंभीर दिख रही है।

पांच पिलर पर लेते हैं फीडबैक

पब्लिक अप्रूवल सिस्टम के तहत पांच पिलर आईजीआरएस, पीआरवी, डायरेक्ट पोल, ट्विटर पोल, एफआईआर, पासपोर्ट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट पर पब्लिक का फीडबैक मांगा जाता है। पांच पिलर्स पर पुलिस कैसा काम कर रही है, पब्लिक को उसके अनुसार ही तीन ऑप्शन अति उत्तम, उत्तम और खराब में से किसी एक पर अपना वोट देना होता है। शुरू-शुरू में गोरखपुर पुलिस की रेटिंग बहुत कम हुआ करती थी, जिसमें अब तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है।

एफआईआर की इस तरह बढ़ी रेटिंग

माह रेटिंग (परसेंट मेंं)

अगस्त 11.4

सितंबर 19.2

अक्टूबर 69.3

आईजीआरएस में रेटिंग

माह रेटिंग (परसेंट मेंं)

अगस्त 35.1

सितंबर 31.1

अक्टूबर 36.2

पीआरवी में रेटिंग

माह रेटिंग (परसेंट मेंं)

अगस्त 73.2

सितंबर 77.6

अक्टूबर 80.3

ट्विटर में परफॉर्मेंस

माह पोल (परसेंट मेंं)

अगस्त 53.0

सितंबर 38.6

अक्टूबर 51.8

यहां घट गई रेटिंग

डायरेक्ट पोल, पासपोर्ट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट में पिछले तीन माह में जो फीडबैक आ रहा है, उस हिसाब से इसकी रेटिंग में गिरावट हुई है। डायरेक्ट पोल में सितंबर में 81.2 और अक्टूबर में 76.3 रहा। इसी तरह पासपोर्ट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट में अगस्त में 88.9, सितंबर में 87.4 और अक्टूबर में नंबर घटकर 83.7 हो गया। इसमें पुलिस को रेटिंग बढ़ानी होगी।

जोन में लिया जा रहा फीडबैक

गोरखपुर जोन के 11 जिलों में पब्लिक अप्रूवल सिस्टम के तहत पुलिस की कार्यप्रणाली पर पब्लिक का फीडबैक लिया जा रहा है। इससे सभी जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार आया है।

पब्लिक अप्रूवल सिस्टम को शुरू करने का उद्देश्य अब दिखने लगा है। पुलिस हर पिलर पर काम कर रही है। इसलिए पब्लिक भी उनको सपोर्ट में वोट कर रही है। गोरखपुर पुलिस अच्छा परफार्म कर सितंबर माह में भी अच्छी रेटिंग लाने में सफल हुई है।

अखिल कुमार, एडीजी जोन