गोरखपुर (ब्यूरो)। आम बजट में की गई थी घोषणा

एनईआर के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी और काशीपुर स्टेशन को किया गया प्वाइंट आउट

स्टेशनों के ओएसओपी स्टॉल्स को भी करेंगे राष्ट्र को समर्पित

वोकल फॉर लोकल संकल्पना के अंतर्गत स्थानीय शिल्पकारों, बुनकरों, कारीगरों और कुम्हारों को अपना उत्पादन बेचने का अवसर मिलेगा। स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलने के साथ कारीगरों और लघु उद्यमियों का जीवनस्तर संवरेगा। रोजगार के नए द्वार खुलने लगे हैं। जानकारों के अनुसार एनई रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थित 80 स्टॉल्स पर लोकल उत्पादों की बिक्री शुरू हो चुकी है। गोरखपुर में टेराकोटा के दो स्टॉल खुल चुके हैं। बस्ती में मिठाई और फल, सिद्धार्थनगर में काला नमक और नौतनवा में सिरका के स्टॉल पैसेंजर्स को आकर्षित कर रहे हैं। उत्पादकों को कम मूल्य पर रेलवे स्टेशनों पर स्थल चिह्नित कर स्टॉल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25 मार्च 2022 को वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट स्कीम की शुरुआत हुई थी। एक मई, 2023 तक एनई रेलवे के 21 सहित यूपी के 73 स्टेशन इस योजना में शामिल हो गए। आज यह संख्या 97 पहुंच गई है। उद्घाटन समारोहों को लेकर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

50 स्टेशनों पर जनऔषधि केंद्र

पीएम नरेंद्र मोदी देशभर के चिह्नित 50 रेलवे स्टेशनों पर स्थापित पीएम भारतीय जन औषधि केंद्रों को भी आमजन को समर्पित करेंगे। पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय रेलवे स्तर पर भारतीय रेलवे स्तर पर प्रमुख स्टेशनों पर स्थित औषधि केंद्रों का उद्घाटन कर सकते हैं। इन केंद्रों पर रेल पैसेंजर्स सहित आमजन को उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाएं मिल सकेंगी। एनईआर के हेडक्वार्टर गोरखपुर के अलावा बनारस, लखनऊ और काशीपुर स्टेशन पर भी पीएम भारतीय जन औषधि केंद्र खुलेंगे। गोरखपुर जंक्शन के मुख्य गेट के पश्चिम तरफ औषधि केंद्र खुल चुका है। उद्घाटन के बाद जेनेरिक दवाइयों की बिक्री शुरू हो जाएगी। आने वाले दिनों में सभी प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। लोगों को कम मूल्य पर आवश्यक जेनेरिक दवाइया मिल जाएंगी। पैसेंजर्स को दवाओं के लिए स्टेशन के बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के स्टॉल की तरह पीएम भारतीय जन औषधि केंद्र भी दूर से ही पहचान में आ जाएंगे। राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद ने एक समान डिजाइन तैयार की है। विश्वस्तरीय स्टेशन गोरखपुर में पिछले छह साल से मेडिकल शाप बंद है। बहुद्देशीय स्टॉल्स पर भी जरूरी दवाएं नहीं मिल पाती हैं।