गोरखपुर (ब्यूरो)। यह मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। दीनी शिक्षा से हमें ज्ञान, विश्लेषण और विचार की क्षमता मिलती है, जो हमें संज्ञान कराती है कि कैसे अपनी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है। दीनी शिक्षा से हम समाज के लिए उचित निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। दीनी शिक्षा हमें ज्ञान, समझ और नैतिकता के साथ-साथ अन्य उपयोगी विशेषताओं की विकसित करने में मदद करती है।

नशा भी हराम

विशिष्ट वक्ता कारी मो। अनस रजवी ने कहा कि पवित्र कुरआन व हदीस में शराब व जुआ आदि की मनाही है। हदीस में है कि 'शराब तमाम बुराईयों की जड है और तमाम बुराईयों में सबसे ज्यादा शर्मनाक हैÓ और यह भी है कि 'प्रत्येक वस्तु जिसकी अधिक मात्रा नशा करती हो, उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है.Ó इस हदीस से अभिप्राय यह सामने आता है कि एक घूंट अथवा कुछ बूंदों की भी गुंजाइश नहीं है। लिहाजा कुरआन व हदीस पर अमल किया जाए और हर बुराई से बचा जाए। शराब मानव समाज के लिए अभिशाप है। शराब के कारण विश्व के करोडों लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है। समाज की अनेकों समस्याओं की बुनियादी वजह केवल शराब है। अपराधों में वृद्धि और विश्वभर में करोड़ों बर्बाद घराने शराब की विनाशलीला का ही मौन उदाहरण हैं।

भविष्य का कर सकते हैं निर्माण

विशिष्ट वक्ता मुफ्ती मो। अजहर शम्सी ने कहा कि दीनी शिक्षा आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षित लोग स्वयं अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं और अपने देश के विकास में भी मदद कर सकते हैं। आखिर में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली व तरक्की की दुआ मांगी गई। महफिल में हाफिज सैफ रजा, हाफिज अशरफ रजा, मौलाना दानिश रजा अशरफी, आकिब अंसारी, हाजी जलालुद्दीन कादरी, मो। निजामुद्दीन, मो। शहबाज, मो। सफियान, मो। रेहान, मो। शब्बीर अंसारी, आदि ने शिरकत की।