गोरखपुर (ब्यूरो)। बड़ी संख्या में टूरिस्ट जू पहुंचे। इसके अतिरिक्त नौका विहार पर ह समय टूरिस्ट्स का मूवमेंट रहता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट नेशनल टूरिज्म डे पर बता रहा है कि गोरखपुर में टूरिस्ट की संख्या कैसे बढ़ी और इंडियन और फारेनर टूरिस्ट किस स्पॉट को ज्यादा प्रिफर करते हैं।

21 लाख से उपर गोरखपुर पहुंचे टूरिस्ट

रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से मिले आंकड़ों के मुताबिक, करीब एक माह में 2,13,354 टूरिस्ट गोरखपुर पहुंचे, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा टूरिस्ट चिडिय़ाघर में वन्यजीवों को देखने के लिए आए। आंकड़ों के मुताबिक 1,16,022 टूरिस्ट चिडिय़ाघर पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर में 16,140 टूरिस्ट दिसंबर 2023 में सिर्फ आए। लेकिन 2024 की मकर संक्रांति से बुढ़वा मंगल तक गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने 16 लाख पर्यटक पहुंचे और दर्शन किए। टूरिज्म डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक गोरखपुर जिले के जितने भी देवी-देवता के मंदिर हैं। वहां पर पर्यटकों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। यही वजह है कि गोरखपुर आस्था का केंद्र होता जा रहा है। बेतियाहाता स्थित हनुमान मंदिर, गीता वाटिका, विष्णु मंदिर, मुक्तेश्वर नाथ मंदिर, मुंजेश्वर नाथ मंदिर, तरकुलहा देवी मंदिर में सबसे ज्यादा भक्त आए।

11,988 टूरिस्ट ने किया स्टे

गोरखपुर में लगातार बढ़ रहे टूरिस्ट के फूटफॉल को देखते हुए होटल व रेस्टोरेंट कल्चर भी तेजी के साथ बढ़ा है। यही वजह है कि 11,800 इंडियन और 188 फॉरेनर टूरिस्ट ने गोरखपुर के होटलों में स्टे किया। फॉरेन टूरिस्ट के लिए रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क भी है, ताकि उन्हें गोरखपुर से लुंबिनी, सारनाथ और कुशीनगर जाने में आसानी हो।

एक नजर में टूरिस्ट

प्लेस- इंडियन टूरिस्ट- फॉरेनर टूरिस्ट - टोटल टूरिस्ट

आरटीओ आफिस - 21 - 00 - 21

चिडिय़ाघर - 1,16,022 - 00 - 1,16,022

हनुमान मंदिर - 3600 - 00 - 3600

मां सिद्धीदात्री मंदिर - 3500 - 00 - 3500

बलुआ शिव मंदिर - 4230 - 00 - 4230

भरोइया शिव मंदिर - 4450 - 00 - 4450

मानसरोवर शिव स्थल - 4500 - 00 - 4500

मुक्तेश्वर नाथ मंदिर - 4200 - 00 - 4200

मुंजेश्वर नाथ मंदिर - 3600 - 00 - 3600

विष्णु मंदिर - 2850 - 00 2850

महादेव झारखंडी मंदिर- 3400 - 00 - 3400

बुढिय़ा माई मंदिर, कुस्हमी - 3200 - 00 - 3200

तरकुलहा देवी मंदिर - 3400 - 00 - 3400

गीता प्रेस - 480 - 00 - 480

गीता वाटिका - 3000 - 00 - 3000

श्री गोरखनाथ मंदिर - 16,100 - 40 - 16,140

दोहरिया कला - 540 - 00 - 540

चौरीचौरा स्थल - 750 - 00 - 750

रेलवे म्यूजियम - 21,276 - 00 - 21,276

लॉज- रेस्ट हाउस - 810 - 97 - 907

धर्मशाला - 1300- 00 - 1300

होटल - 11,800 - 188 - 11,988

कुल - 2,13,029 - 325 - 2,13,354 (नोट: आंकड़े 14 दिसंबर से 23 जनवरी तक के हैं.)

गोरखपुर आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। यही वजह है कि जिलेभर के मंदिरों मेें इंडियन टूरिस्ट का फूटफाल बढ़ता जा रहा है। वन्य जीवों को जहां देखने के लिए लोग दूसरे शहरों से गोरखपुर आते हैैं। वहीं आउटिंग के लिए तरकुलहा देवी मंदिर में भी लोग आ रहे हैैं। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला और बुढ़वा मंगल के मौके पर कुल 16 लाख टूरिस्ट दर्शन के लिए पहुंचे।

रविंद्र कुमार मिश्रा, रीजनल टूरिस्ट ऑफिसर

नेशनल टूरिज्म डे आज

देश में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत 1948 से हो गई थी। पर्यटन के महत्व को समझते हुए आजाद भारत में इसे बढ़ावा देने की पहल स्वरूप पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। समिति के गठन के तीन साल बाद 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों की शुरुआत हुई। बाद में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी पर्यटन कार्यालय बने। वर्ष 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग की स्थापना हुई। भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाते हैं।