गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन और राप्तीनगर कचहरी बस स्टेशन से रोजाना सैकड़ों रोडवेज बसें गुजरती है। जिसमें लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, वाराणसी, प्रयागराज के अलावा विभिन्न शहरों व राज्यों की बसें भी शामिल हैं। गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर जब बस के अंदर देखा तो पता चला कि बस में अग्निशमन यंत्र की सुविधा नहीं हैं। सिर्फ एक फायर एक्सटिंग्युशर ड्राइविंग सीट के बगल में रखा था। इस पर एक्सपायरी डेट तक नहीं लिखी थी। ड्राइवर से जब इस संबंध में बात की गई तो उसका कहना था कि बस में लगे अग्निशमन यंत्र की कभी भी जांच नहीं होती है।

फस्र्ट एंड बाक्स भी गायब

अग्निशमन यंत्र लगने की तो दूर की बात हैं, बस स्टेशन पर मौजूद बसों में तो अगर किसी को कट या चोट लग जाए, तो उसका इलाज भी नहीं हो पाएगा। गोरखपुर बस डिपो और राप्ती नगर बस डिपो पर खड़ी बसों में फस्र्ट एड बॉक्स भी नहीं लगे नजर आए। इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोडवेज प्रशासन पैसेंजर्स की जान से खिलवाड़ कर रहा है। यदि कहीं बस के अंदर आग लगी तो पैसेंजर्स को बचा पाना मुश्किल होगा।

जांच में यह दिखी हकीकत -

1. वाया गोरखपुर सोनौली-दिल्ली के लिए चलने वाली बस (यूपी53सीटी9645) के फायर एक्सटिंग्युशर्स एक्सपायर मिले। बस का स्टाफ कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।

2. दिल्ली जनरथ एसी बस (यूपी78एफटी7847) का फायर सिस्टम फेल था। इस बस का स्टाफ भी गोलमोल जवाब देता रहा।

3. गोरखपुर से चौरीचौरा, रुद्रपुर की बस (यूपी52एटी 2985) में लगा फायर एक्सटिंग्युशर में एक्सपायर डेट का पता ही नहीं था।

4. गोरखपुर-देवरयिा-सलेमपुर बस (यूपी53सीटी1331) में अग्निशमन यंत्र लगा ही नहीं था। फस्र्ट एंड बाक्स भी नहीं था।

बसों में लगे अग्निशमन यंत्र चेक करने की जिम्मेदारी फोरमैन की है। अगर फायर एक्सटिंग्युशर की समय अवधि समाप्त हो गई है तो उसे बदलने का भी जिम्मा उनका है। यदि एक्सपायर हो गए हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी।

- महेश चंद्र श्रीवास्तव, एआरएम, गोरखपुर डिपो