गोरखपुर : अदिति ने बताया कि तीन अक्टूबर की इस घटना को देखकर मेरा चार साल का बेटा शिवम भी चींखने चिल्लाने लगा। इसके बाद डॉक्टर ने पुलिस बुलाकर मुझे व मेरे पति को सौंप दिया। थाने पर जांच पड़ताल में डॉक्टर अनुज सरकारी की गलती सामने आने पर दंपती को छोड़ दिया गया।

आधार कार्ड व पर्चा लेने गए थे क्लीनिक


अदिति ने बताया कि चार अक्टूबर को पंकज अपना आधार कार्ड व दवा का पर्चा वापस मांगने डॉ। अनुज सरकारी के क्लीनिक पर गए। इस दौरान उन्हें अकेला देखकर एक बार फिर डॉक्टर के गुर्गों ने उनपर हमला कर दिया। डॉ। अनुज सरकारी जाति सूचक गाली देते हुए बोले कि आज इसके साथ इसकी पत्नी नहीं है, इसे कैंट थाने ले चलकर एफआईआर दर्ज कराओ। इसके बाद मारते पीटते हुए थाना कैंट तक ले गए, वहां पर एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजवा दिया। थाना कैंट में मैंने भी तहरीर दी, लेकिन डॉक्टर के दबाव में केस दर्ज नहीं किया गया। अदिति ने एसएसपी से कहा कि साहब आप थाना कैंट को केस दर्ज करने का आदेश देने की कृपा करें।

अदिति से बीमारी के बारे में एसएसपी ने ली जानकारी


एसएसपी ने सिपाही की पत्नी अदिति से उसकी बीमारी के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही सिपाही के सस्पेंड होने का कारण भी पूछा। उन्होंने अदिति का इलाज कराने का भी आश्वासन दिया।


सिपाही की पत्नी ने मिलकर प्रार्थना पत्र दिया है। घटनाक्रम के बारे में भी बताया है, जिसकी जांच पड़ताल कर साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी