गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं जून में स्टेट लेवल की रोइंग प्रतियोगिता रामगढ़ताल में कराए जाने की तैयारी चल रही है। ये कवायद रामगढ़ताल को दुनिया में न सिर्फ टूरिज्म के मैप पर उभारने का काम करेगी, बल्कि वाटर स्पोट्र्स के क्षेत्र में भी रामगढ़ताल हो पहचान दिलाएगी।

रामगढ़ताल में हो रही है यह एक्टिीविटी

जीडीए ने वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के संचालन की जिम्मेदारी मुंबई की फर्म ई-सिटी बाइस्कोप इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। ये कंपनी यहां मोटर बोट, तीन स्पीड बोट एवं दो जेट स्कीइंग संचालन कर रही है।

आज से लिजीए पैरासेलिंग का मजा

वाटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स का संचालन करने वाली संस्था रामगढ़ताल में पैरासेलिंग कराएगी। संचालक आशीष शाही ने बताया कि पैरासेलिंग एक मनोरंजक वाटर स्पोट्र्स एक्टिविटी है, जिसमें एक खुले पैराशूट से जुड़ी रस्सी को खींचने के लिए एक मोटरबोट का उपयोग किया जाता है। जैसे ही मोटरबोट चलने लगती है, वह पैराशूट को बहुत तेजी से खींचती है ताकि वह हवा में काफी ऊंचाई तक जा सके।

खर्च करने पड़ेंगे इतने रुपये

वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से पैरासेलिंग के लिए टूरिस्टों को 800 रुपये चुकाने होंगे। स्पीड बोट के लिए 100 रुपये, जेट स्कीइंग के लिए 400 रुपये और नार्मल वोट के लिए 60 रुपये शुल्क लिया जा रहा है।

किड्स जोन भी किया जाएगा विकसित

वाटर कॉम्प्लेक्स प्रबंधन ने अपना परिसर सुबह और शाम की सैर करने वालों के लिए निशुल्क उपलब्ध करा दिया है। वहीं छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए किड्स जोन विकसित किया जाएगा। जल्द ही यहां दो इनडोर रेस्टोरेंट एवं रूफ टॉप रेस्टोरेंट और जिम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

45 करोड़ से बना है वाटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स

रामगढ़ताल के पास करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से बने यूपी के पहले वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का सीएम योगी आदित्यनाथ ने करीब दो साल पहले उद्घाटन किया था, लेकिन इन दो सालों में यहां स्पोर्ट्स एक्टीविटी शुरू नहीं हो पाई। ये कॉम्प्लेक्स बदहाली का शिकार हो गया।

दो साल में हुई सिर्फ रोइंग प्रतियोगिता

खेलो इंडिया के तहत हुई एक रोइंग प्रतियोगिता को छोड़ दिया जाए तो दो साल बाद भी वाटर स्पोर्ट्स की एक्टीविटी शुरू नहीं हो सकी थी। रोइंग प्रतियोगिता की सफलता के बाद रामगढ़ताल देश में टूरिज्म के साथ ही रोइंग गेम्स के नक्शे पर भी उभरा था। एक बार फिर वाटर स्पोट्र्स की एक्टिविटी शुरू होने से वाटर स्पोट्र्स को पहचान मिल सकेगी।

करोड़ों की लागत से बना वाटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स दो सालों से बंद पड़ा था, यहां वाटर स्पोट्र्स की एक्टिविटी शुरू होने के बाद इसे पहचान मिल सकेगी।

अक्षत, स्टूडेंट्स

काफी उम्मीद थी कि वाटर स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में कई तरह के खेलों को देख सकेंगे, दो सालों बाद इस तरह के खेल देखने को मिलेंगे।

विशाल, स्टूडेंट्स